कश्मीर में 17 जवान शहीद हो गए, गृहमंत्री बयान दे रहे हैं

नईदिल्ली। दिल को छू जाने वाले पाकिस्तान विरोधी बयानों में गृहमंत्री राजनाथ सिंह विशेषज्ञ हो गए हैं परंतु कार्रवाईयां उनके बयानों के माफिक नहीं लगतीं। रविवार अलसुबह सेना के मुख्यालय पर हुए हमले में 17 जवान शहीद हो गए। गृहमंत्री ने अपनी विदेश यात्रा स्थगित कर दी, पाकिस्तान को आतंकी देश कहा लेकिन जवाबी कार्रवाई के आदेश नहीं दिए। मौके पर सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया। बस यही सफलता हमारे हाथ है। 

हमलावर सभी आतंकी पाकिस्तान हैं। इसकी पुष्टि सेना ने अपने आधिकारिक बयान में की है। इस हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह के हरकतों से निराशा हुई है। गृहमंत्री ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हमलावरों को खास प्रशिक्षण दिया गया था। अब पाकिस्तान को अलग-थलग करने का समय आ चुका है।

उपरोक्त सभी लाइनें आम भारतियों की भावनाओं को वर्णित करतीं हैं परंतु बतौर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जवाबी कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दिया। कोई ठोस कदम नहीं हुआ। रक्षा विशेषज्ञ एसआर सिन्‍हो का कहना है कि अब वक्‍त आ गया है कि जब भारत को इस तरह के हमले और पाकिस्‍तान के खिलाफ सख्‍त रुख अपनाना चाहिए। उन्‍होंने साफताैर पर कहा कि सरकार को एक प्रैक्टिकल एप्रोच अपनाने की जरूरत है।

सेना प्रमुख पहुंचें श्रीनगर, रक्षा मंत्री को कहना पड़ा
हमले के तत्काल बाद सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग श्रीनगर के लिए रवाना हो हुए और शाम से पहले पहुंच भी गए लेकिन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का ना तो कोई बयान आया और ना ही उनकी रवानगी की सूचना। हमले के बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को तत्‍काल मौके पर पहुंचने को कहा है। 

ऐसे हुआ हमला
बताया जा रहा है कि सुबह 5.30 बजे अंधेरे का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने संत्री पोस्ट को अपना निशाना बनाया और सेना के हेडक्वार्टर में घुसकर बैरक में शरण ले ली। हमले के बाद सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला और आतंकियों को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान आतंकियों ने कुछ धमाके भी किए। जिस जगह पर हमला किया गया वहां अस्‍थायी तौर पर जवानों के लिए टैंट लगाए गए थे। आखिरकार देर ना करते हुए ऑपरेशन का जल्‍द से जल्‍द खत्‍म करने के लिए स्‍पेशल फोर्स को लगा दिया गया। चार घंटे से ज्‍यादा चले इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया लेकिन हमारे 17 जवान शहीद हुए और 16 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए। 

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