मुख्यमंत्री महोदय, कृपया अध्यापकों की राजनीति बंद करा दें

आदरणीय श्री शिवराज सिंह चौहान साहब 
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन, 

श्रीमान महोदय,
आपके मध्यप्रदेश में इतने सालों के कार्यकाल में वर्ष 2016 में पहली बार ऐसा हो रहा है कि आपके द्वारा की गई वास्तविक घोषणा के क्रियान्वयन में इतना लंबा समय और आपकी वास्तविक घोषणा के विपरीत कार्य किया जा रहा है। श्रीमान महोदय इसमें सिर्फ और सिर्फ दो बातें संभव है कि या तो मध्यप्रदेश शासन की अफसरशाही द्वारा आपको वास्तविक स्थिति से गुमराह किया जा रहा है या फिर इस सब में आपकी सहमति शामिल है। माननीय अगर ऐसा है तो आम-अध्यापकों एवं मध्यप्रदेश की आम जनता के बीच आपके व्यक्तिव को लेकर यह एक  बहुत ही शर्मनाक बात है। 

महोदय, अगर मध्यप्रदेश शासन इस वक्त आम-अध्यापकों की मांगों को पूरा करने में असमर्थ हैं तो आप स्वयं व्यक्तिगत रूप से यह बात हम अध्यापकों के बीच रखकर इस सारे घटनाक्रम को विराम देकर आम-अध्यापकों को लेकर हो रही राजनीति को खत्म कर सकते हैं। हमें आप पर पहले भी भरोसा था और भविष्य में भी रहेगा। 

श्रीमान महोदय, अगर आपके अफसरों को गणना-पत्रक को लेकर किसी भी प्रकार की परेशानी आ रही है तो वो हम अध्यापकों से विचार-विमर्श करके छोटे नही हो जाएंगे। क्योंकि श्रीमान जी आपकी घोषणा के पश्चात आठ माह का वक्त बहुत लंबा वक्त हो जाता है। श्रीमान जी मध्यप्रदेश का हर नागरिक और कर्मचारी यह जानता है कि बिना आपकी सहमति के कोई भी मंत्री, विधायक, अफसर अथवा कोई भी कर्मचारी नेता किसी भी जनहितार्थ या कर्मचारी हित के निर्णय को आपसे जबरदस्ती अथवा दबाव पूर्वक पूर्ण नही करवा सकता है। 

अतः आपसे निवेदन है कि हम आम-अध्यापकों के विसंगति रहित गणना-पत्रक को शीघ्र जारी करवा कर अपनी संवेदनशीलता का परिचय देकर इस आम-अध्यापक के निवेदन को जरूर स्वीकार करेंगे। श्रीमान जी, मैं किसी भी अध्यापक संगठन का सदस्य अथवा नेता नही हूँ सिर्फ और सिर्फ एक आम अध्यापक हूँ। आशा करता हूँ आपका जबाव मुझे शीघ्र और अाम-अध्यापक हित में प्राप्त होगा।
जय हिंद भारत माता की जय

हिमांशु पांडे 
आम-अध्यापक
दमोह 

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