बड़वानी। यहां कुछ अफसरों ने मिलकर जंगल की जमीन के फर्जी पट्टे बांट डाले। ग्रामीणों के पास वन अधिकार पत्र हैं जबकि वन विभाग उस जमीन को अपना बता रहा है। पिछले दिनों हुआ संघर्ष का कारण भी यही था जिसमें वनविभाग के 6 कर्मचारी घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में फर्जीवाड़ा करने वाले 9 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक, सेंधवा वन मंडल के डीएफओ ने जुलाई महीने में पानसेमल पुलिस से पानसेमल वन परिक्षेत्र के फर्जी वन अधिकार पत्र बनाए जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में जांच करते हुए पुलिस ने वन अधिकार पत्र की फर्जी फाइलें जब्त की थीं। जिसमें फर्जी वन पत्र बनाकर वनभूमि के कई पट्टे बांटे जाने का खुलासा हुआ था। अब पुलिस ने जनपद पंचायत पानसेमल के लिपिक सुभाष चन्द्र सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार देवधर ग्राम के आठ और पानसेमल के एक आरोपी को गिरफ्तार कर खेतिया स्थित न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वनाधिकार पट्टों के इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ था जब जुलाई महीने में कुछ वनकर्मी दिवड़िया देवधर के पास स्थित बंधारा गांव में पौधरोपण करने के लिए पहुंचे थे। वनकर्मियों को वहां पता चला कि बड़ी संख्या में वनभूमि पर अतिक्रमण किया जा चुका है। उन्होंने जब इन पट्टों को खाली करने के लिए कहा तो अतिक्रमणकारियों ने उन्हें बताया कि उन्हें बकायदा पट्टे मिले हैं। जब वनकर्मियों ने उनकी बात नहीं मानी तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें छह कर्मियों को गंभीर चोटें आई थीं।