...नहीं तो मुसलमानों का देश पर से भरोसा उठ जाता: मुलायम सिंह

लखनऊ। चुनाव क्या क्या नहीं करवाते। अयोध्या विवाद के दौरान कारसेवकों पर गोली चालान के लिए अफसोस जता चुके मुलायम सिंह ने अपने इस कदम को अब सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि उस समय गोली चालान नहीं होता तो मुसलमानों का देश पर से भरोसा उठ जाता। साथ ही जोड़ा कि यदि 16 की जगह 30 जानें भी गई होतीं तो देश की एकता के लिए मुझे मंजूर था। 

राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपने ऊपर लिखी पुस्तक का विमोचन करने के दौरान मुलायम ने कहा 6 दिसम्बर 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाना सही कदम था। मैंने यह कदम देश की एकता बनाए रखने के लिए उठाया था। अयोध्या में गोली चलने से 16 जाने गई। अगर 30 भी जाती तो देश की एकता के लिए मुझे मंजूर था। अगर यह आदेश नहीं दिया होता तो हिंदुस्तान के मुसलमानों का देश से इतबार उठ जाता।

मुलायम सिंह ने कहा कि उनकी नज़र में हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सब भारत के नागरिक हैं और देश की एकता के लिए उनका कदम सही था। मुलायम ने कहा कि अयोध्या में गोली चलाने पर उनको बहुत विरोध और आलोचना झेलनी पड़ी थी लेकिन देश की एक मस्जिद बचाने के लि‍ए यह जरूरी था। इसके लि‍ए मुझे गोलियां चलवानी पड़ी। उस समय संसद में जाने पर मुझे मानवता का हत्यारा कहा जाता था। समाजवाद का मतलब सबको साथ लेकर चलना है, देश की एकता, सामाजिक एकता के लिए भेदभाव नहीं होना चाहिए। देश की एकता के लि‍ए साम्प्रदायिक भेदभाव दूर करना होगा. अमीर-गरीब के बीच की खाई पटनी चाहिए।

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