गवर्मेंट सप्लायर्स के पेट पर लात, सरकार आॅनलाइन शॉपिंग करेगी

नई दिल्ली। सरकारी दफ्तरों में तमाम तरह के सामान सप्लाई करके पेट पालने वाले अब बेरोजगार हो जाएंगे। सरकार ने अब लगभग सारा सामान आॅनलाइन शॉपिंग के माध्यम से लेने का फैसला कर लिया है। इसके लिए मंगलवार को ई-मार्केटप्लेस (gem.gov.in) लांच कर दिया गया है। 

यह एक सरकारी ऑनलाइन खरीदारी व्यवस्था है, जिसके माध्यम से मंत्रालय व विभाग वस्तुओं और सेवाओं की शॉपिंग कर सकेंगे। इनकी ओर से सालाना 10,000 करोड़ रुपये की खरीद की जाती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी खरीदारी के क्षेत्र में इसे क्रांतिकारी कदम बताया है।

फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर कंप्यूटर, स्टेशनरी समेत 26 वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया गया है। सरकार का इरादा अप्रैल, 2017 तक इस पर ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं को लाने का है। सरकार अलग-अलग वेंडरों से करीब 160 वस्तुएं और सेवाएं खरीदती है। मंत्रालयों और विभागों के लिए आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय (डीजीएसएंडडी) की वस्तुओं की खरीद करता है।

जेम का विकास डीजीएसएंडडी ने इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के सहयोग से किया है। इससे एसबीआइ और पीएफएमएस जैसे पेमेंट पोर्टल को भी जोड़ा गया है। नतीजतन खरीद और भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।

अब इस पोर्टल के जरिये कोई भी मंत्रालय या विभाग 50,000 रुपये तक की वस्तुएं सीधे खरीद सकता है। इससे ज्यादा की खरीदारी के लिए कीमत तुलना, बिडिंग या रिवर्स ऑक्शन के जरिये ही की जा सकेगी। वित्त मंत्रालय ने सभी भुगतान करने वाली अथॉरिटी को अधिकतम 10 दिनों में पेमेंट करने के लिए कहा है।

सीतारमण की मानें तो खरीददार और विक्रेता को फायदा पहुंचाने के साथ ही जेम के जरिये सटीक कीमत में चीजें मिलेंगी। इस बारे में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा कि यह एक बेहतर शुरुआत है। इससे सरकारी खरीद में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

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