मप्र में जाति प्रमाण पत्र के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्देश

भोपाल। परिवार के सदस्य के नाम दर्ज अचल सम्पत्ति का रिकार्ड या अन्य कोई राजस्व रिकार्ड आदि की छाया-प्रति, जिसमें जाति का उल्लेख हो, से जाति की पुष्टि हो सकेगी। पारिवारिक सदस्य में दादा-दादी, परदादा-परदादी, माता-पिता, चाचा, भाई-बहन को रखा गया है। अचल सम्पत्ति रिकार्ड में भूमि, भू-खण्ड, मकान की रजिस्ट्री शामिल है।

इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य पिता, चाचा, भाई-बहन या दादा को वर्ष 1996 के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र से भी जाति की पुष्टि की जा सकेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए निर्देश जारी किये हैं। निर्देशों से सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कलेक्टर और संभागायुक्त को अवगत करवाया है।

निवास संबंधी दस्तावेज
परिवार की वर्ष 1950 में निवास की पुष्टि के लिये दस्तावेजों में शिक्षा, शासकीय सेवा, मतदाता परिचय-पत्र, परिवार के सदस्य के नाम दर्ज अचल सम्पत्ति का रिकार्ड या अन्य कोई राजस्व रिकार्ड आदि की छाया-प्रति, जो उपलब्ध हो, को शामिल किया गया है। इसके अलावा स्वयं आवेदक की शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण-पत्रों की छाया-प्रति या जाति एवं निवास की तिथि के संबंध में संलग्न घोषणा-पत्र को भी शामिल किया गया है।

निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे आवेदक से, जिनके पास वर्ष 1950, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये वर्ष 1984 या उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं हैं तो उसे यह लिखित रिकार्ड देने के लिये विवश नहीं किया जाये। राजस्व अधिकारी को स्वयं मौके पर जाकर/केम्प में, जाँच कर आवेदन-पत्र में उल्लेखित जानकारी की पुष्टि की जाये। इसके लिये आवेदक/संबंधित सरपंच/पार्षद/उस ग्राम, मोहल्ले के सभ्रान्त व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये जाना चाहिये। स्वयं की संतुष्टि के बाद स्थायी जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुशंसा की जाये।

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