ई-बैंकिंग में ठगी का पैसा बैंक लौटाएंगे: नये नियम बने

भोपाल। अब आपको आॅनलाइन ठगी या ई-बैंकिंग फ्रॉड से डरने की जरूरत नहीं है। बस आपको इतना करना है कि तत्काल इसकी शिकायत अपने बैंक को करें और उससे शिकायत की पावती प्राप्त कर लें। यदि आप धोखाधड़ी के 3 दिन के भीतर शिकायत करते हैं तो बैंक 90 दिन के भीतर आपका पूरा पैसा लौटाएगा। आरबीआई ने थर्ड पार्टी फ्रॉड्स के लिए बैंक उपभोक्ताओं को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है।

नए नियम के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति गड़बड़ी की शिकायत करने में चार से सात दिन लगा देता है तो उसे 5 हजार रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ेगा। यानि बैंक उसे ठगी राशि से 5 हजार कम देगा। शिकायत करने की तीन दिनों की सीमा तब शुरू होगी जिस दिन पीड़ित को बैंक से ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलेगी। ग्राहक को एसएमएस, ईमेल या बैंक स्टेटमेंट में से मिली जानकारी मान्य होगी।

बैंकों को शिकायत करने के बाद 90 दिनों के अंदर इसका निपटारा करना होगा। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कस्टमर पर ब्याज के रूप में किसी तरह का जुर्माना या क्रेडिट कार्ड्‌स पेमेंट में देरी के लिए पेनल्टी नहीं देना पड़े।

आरबीआई ने मांगे सुझाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर ई-बैंकिंग में ग्राहकों का उत्तरदायित्व सीमित करने ग्राहक संरक्षण परिपत्र का प्रारूप अभिमत के लिए जारी किया है। प्रारूप परिपत्र पर 31 अगस्त 2016 तक मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक, बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, 12वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400 001 को सुझाव भेजे जा सकते हैं।

इसलिए पड़ी जरूरत
ई-बैंकिंग के जरिए होने वाले अवैध लेन-देनों के द्वारा खातों और कार्ड के जरिए जमा राशि निकालने संबंधी ग्राहकों की शिकायतों में हुई वृद्धि के चलते आरबीआई को नए नियम बनाने की जरूरत पड़ी। इसमें बैंकों द्वारा अपनी तरफ से जिम्मेदारी नहीं निभाने की शिकायतें भी पहुंची थीं।

ये शिकायतें होंगी शामिल
  1. नेट बैंकिंग से संबंधी ठगी
  2. एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड के जरिए पेमेंट में गड़बड़ी
  3. मोबाइल वालेट्स से दुकानों में पेमेंट के दौरान ठगी
  4. पासवर्ड की स्केनिंग के जरिए पैसा निकालने संबंधी शिकायत


बैंकों को देना होगी रसीद
बैंकों को किसी भी तरह की शिकायत करने पर बैंक पहले किसी भी तरह की रसीद देने से आनाकानी करते थे लेकिन अब बैंकों को ग्राहकों को शिकायत संबंधी रसीद देना होगी। ऐसे में बैंक अपनी तरफ से मुक्त नहीं हो सकते कि हमें शिकायत नहीं की गई थी।

बैंकिंग लोकपाल भी है विकल्प
बैंक सेवाओं संबंधी शिकायत बैंक ग्राहक को पहले अपनी बैंक शाखा में लिखित में देनी होती है। यदि एक माह के अंदर बैंक द्वारा उत्तर न मिले या उत्तर संतोषजनक न हो या शिकायत बैंक द्वारा खारिज कर दी गई हो तो ग्राहक बैंकिंग लोकपाल को इसकी शिकायत कर सकते हैं।

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