डेढ़ साल से पाकिस्तानी जेल में बंद है मप्र का आदिवासी युवक

भोपाल। मप्र के बालाघाट जिले का एक आदिवासी युवक सुनील उइके 2015 से पाकिस्तान की जेल में बंद है परंतु ना तो इसकी खबर उसके घरवालों को थी और ना ही प्रशासन को। पिछले दिनों उसने अपने मामा को पत्र लिखा तब इसका खुलासा हुआ। अब उसे मुक्त कराने की कवायद शुरू की जा रही है।

युवक सुनील उइके के मामा शिवलाल ने कलेक्टर व एसपी को यह पत्र देकर सुनील की मदद की गुहार लगाई है। उधर कलेक्टर ने इस मामले में गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय से संपर्क कर हर संभव मदद की बात कही है। कराची जेल से रजिस्टर्ड डाक से अपने मामा शिवलाल इनवाती को भेजे गए पत्र में सुनील ने लिखा है कि वह रोजगार के लिए अपने गांव के कुछ युवकों के साथ गुजरात गया था। उसके दोस्त किसी अन्य बोट में कार्यरत थे। वह मछुआरों के साथ काम करता था। 29 मार्च 2015 को मछुआरों के साथ अनजाने में वह पाकिस्तान की समुद्री सीमा में पहुंच गया। यहां उसे पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से वह कराची जेल में बंद है। शिवलाल ने यह पत्र कलेक्टर व एसपी को देते हुए अपने भांजे के लिए मदद की गुहार लगाई है।

आगे पत्र नहीं लिख सकूंगा, खत भेजना
पत्र में सुनील ने यह भी लिखा है कि अब शायद आगे वह और पत्र नहीं लिख सकेगा। उसने अपने मामा से यह भी कहा है कि पाकिस्तान सरकार उसके भारतीय होने के संबंध में दस्तावेज मांग रही है। उसके पास पूरे दस्तावेज नहीं है। यदि सरकार उसके भारतीय होने के दस्तावेज पाकिस्तान पहुंचा देगी तो वह जेल से छूट जाएगा। सुनील ने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि अब तक वह पत्र इसलिए नहीं लिख पाया कि उसके पास पैसे नहीं थे। सुनील ने रिश्तेदारों व पड़ोसियों को संबोधित करते हुए यह भी लिखा है कि वे उसकी मां का ख्याल रखें। उसे उम्मीद है कि वह जल्द ही जेल से छूट जाएगा। 

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