माफियाओं के आगे नतमस्तक नगरनिगम, तालाब की हदें ही छोटी कर दीं

भोपाल। लगता है नगरनिगम भोपाल आम जनता नहीं बल्कि भोपाल के भूमाफिया के लिए प्रतिबद्ध है। यहां हर वो काम किया जा रहा है जो भू माफियाओं को फायदा पहुंचाए, भले ही आम जनता का कितना भी नुक्सान हो जाए। हालात यह हैं कि माफियाओं को लेकव्यू देने के लिए नगरनिगम ने भोपाल के तालाब की हदें ही छोटी कर दीं। मुनारें जो तालाब की सीमाओं को तय करतीं हैं, पानी के भीतर जाकर लगा दी गईं। कई मुनारें तो अभी तक नहीं लगाई गईं। शायद डील हो जाने के बाद तय की जानी थीं। 

खानूगांव से हलालपुर तक शनिवार को जिला प्रशासन की टीम ने सर्वे किया। टीम को 50 में से 16 मुनारें तालाब में डूबी हुई मिली हैं। जबकि 34 मुनारें गायब हैं। खानूगांव में गायब मुनारों की खोज के लिए प्रशासन का अमला नाव से तालाब में उतरा। किनारे से करीब 50 मीटर अंदर जाने के बाद टीम को मुनारें दिखाई दी। एक-एक कर टीम को करीब 16 मुनारें तालाब में दिखाई दी। इनमें से कुछ मुनारों का ऊपरी हिस्सा पानी के लेवल से आधा से एक फीट बाहर निकला हुआ था। इनमें से किसी का नंबर दिखाई नहीं दे रहा था। 

टीम तब तक हलालपुर पहुंच गई थी। निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक यहां 50 मुनारें लगी हैं। जबकि अन्य स्थानों पर सर्वे टीम को मुनारें तालाब के एफटीएल पर मिली हैं, लेकिन पानी इनसे 50 से 80 मीटर आगे निकल गया है। हुजूर नजूल वृत की टीम को तालाब के अंदर 10 मुनारें डूबी मिली हैं। टीटी नगर नजूल वृत का तालाब को लेकर सर्वे का काम पूरा हो गया है। क्षेत्र में रिकॉर्ड के अनुसार 211 मुनारें लगाई गई हैं। इनमें से 131 ही मुनारें मिली हैं। 

40 मुनारें पानी में डूबी हुई हैं और 40 मुनारें गायब हैं। इस क्षेत्र में ज्यादातर मुनारें प्राइवेट जमीन पर लगी हैं। शुक्रवार को टीम ने प्रेमपुरा, बिसनखेड़ी, गौरा गांव और सेवनिया गौड़ में मुनारों का जायजा लिया। 

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