अशोक कुमार देवराले। मप्र की सरकार ने संतान पालन अवकाश से महिला अध्यापकों को वंचित रखने का आदेश प्रसारित किया है। जो निश्चित ही गलत निर्णय है। विभाग में मात्र महिला अध्यापक पात्र नहीं है, जबकि अन्य महिला कर्मचारी पात्र है। यह भेद उत्पन्न करने वाला आदेश है।
म.प्र.अध्यापक संगठन इस आदेश का पुरजोर विरोध करता है और शासन से मांग करता है कि इस आदेश को तुरन्त वापस लिया जाए। अगर शासन इस आदेश को वापस नहीं लेता है तो संगठन इसके विरोध में आंदोलन करेगा।
एक तरफ प्रेदश के मुखिया माननीय शिवराज सिंह प्रदेश में महिला सुरक्षा एवं महिला शिक्षा को बढ़ाने का प्रयास कर रहें है और लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्यादान योजना के माध्यम से मातृत्व शक्ति का सम्मान बड़ा रहे हैं। वहीँ शासन द्वारा प्रदेश की स्कूलों में अध्यापन कार्य करा रही महिला अध्यापकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। उनके मातृत्व को नाकारा जा रहा है। उन्हें अपने बच्चों की परवरिश करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। जो पूर्णत गलत निर्णय है।
मप्र शासकीय अध्यापक संगठन माननीय शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन से निवेदन करता है कि महिला अध्यापकों के अपमान के इस आदेश को तुरन्त वापस लिया जाए।
अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक्ष
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन