नईदिल्ली। कानपुर जिला उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में फैसला सुनाया है कि बकाया फीस के लिए कोई भी कॉलेज छात्र का वजीफा, काशनमनी या बुकबैंक के लिए जमा कराई गई लौटाने योग्य राशि रोक नहीं सकती। फोरम ने दोषी कॉलेज पर जुर्माना भी ठोका है।
तिलक नगर निवासी शिव महेंद्र ने सेठ श्री निवास अग्रवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एसएसए नालेज पार्क नारामऊ के प्रबंधक के खिलाफ 10 अगस्त 2015 को मुकदमा दायर किया था। इसमें कहा था कि उनका बेटा आशीष सिंह इस इंस्टीट्यूट में 2009 से 2013 तक बीटेक का छात्र रहा।
इंस्टीट्यूट ने उनके बेटे का वजीफे के 27 हजार 640 रुपये, काशन मनी पांच हजार रुपये और बुक बैंक का तीन हजार रुपये वापस नहीं किया। मार्कशीट और प्रमाणपत्र मांगने पर कहा कि पहले 75 हजार 950 रुपये बकाया जमा कराएं। वजीफा, काशन मनी और बुक बैंक का पैसा नहीं दिया गया। इस पर सुनवाई करते हुए फोरम अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह, सदस्य सुधा यादव और पुरुषोत्तम सिंह ने 23 अगस्त को शिव महेंद्र के पक्ष में फैसला सुनाया।