मप्र में ब्लैकमनी के ब्रांड एम्बेसडर योगीराज के बेटे को मिली राहत

भोपाल। मप्र में ब्लैकमनी के ब्रांड एम्बेसडर एवं मप्र के पूर्व स्वास्थ्य संचालक डॉ.योगीराज शर्मा के बेटे गौरव शर्मा को हाईकोर्ट ने भी राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें गौरव को उनके पिता योगीराज के साथ कार्रवाई की जद में लिए जाने की अपील की गई थी। 

क्या हुआ हाईकोर्ट में 
बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान आयकर विभाग की ओर से दलील दी गई कि वर्ष-2005 में जब तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक डॉ.योगीराज शर्मा के निवास सहित अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई तो कुछ रकम गौरव शर्मा के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाने का सुराग भी हाथ लगा। लिहाजा, गौरव शर्मा के खिलाफ कार्रवाई अपेक्षित है। 

इस सिलसिले में ट्रिब्यूनल के समक्ष आयकर विभाग ने अर्जी दायर की थी। वहां से अर्जी खारिज होने पर ट्रिब्यूनल के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद ट्रिब्यूनल के आदेश को विधिसम्मत पाकर आयकर विभाग की याचिका खारिज कर दी।

ब्लैकमनी के ब्रांड एम्बेसडर क्यों
क्योंकि 2005 में जब तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक डॉ.योगीराज शर्मा के यहां आयकर विभाग का छापा पड़ा तो वह इतिहास में दर्ज हो जाने वाली कार्रवाई थी। रजाई, गद्दे, तकिए, यहां तक कि टॉयलेट से भी नोटों की गड्डियां निकलीं। नोटों के बंडलों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि आयकर विभाग के दिल्ली में बैठे अफसर भी हिल गए। यह उम्मीद से ज्यादा नहीं बहुत ज्यादा थी। आयकर विभाग नोटों की गिनती हमेशा अपने कर्मचारियों से कराता है परंतु डॉ.योगीराज शर्मा के यहां मिली काली कमाई को गिनने के लिए पहली बार आयकर विभाग ने नोट गिनने वाली मशीनों का उपयोग किया। इस मामले ने मप्र में एक नया बैंचमार्क सेट कर दिया कि अफसर को यदि कुर्सी मिल जाए तो क्या क्या नहीं ​कमा सकता। हालांकि इसके बाद भी योगीराज से भी बड़े दिग्गज खिलाड़ी पकड़े गए, लेकिन इतिहास में हमेशा पहले व्यक्ति का नाम ही दर्ज होता है। 

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