ससुराल की मदद से शुरू किया था कारोबार: बिड़ला सिर्फ नाम नहीं बैंचमार्क है

नईदिल्ली। भारत के कई हिस्सों में रईसी, सफलता और परोपकार का अर्थ होता है बिड़ला। पुराने लोग अक्सर यह कहते सुने जा सकते हैं कि 'हम कोई टाटा बिड़ला तो हैं नहीं जो आपकी सारी समस्याएं दूर कर दें' या फिर 'तू क्या बिड़ला हो गया है जो बड़ी बड़ी बातें करता है।' अर्थ यह कि केवल बिड़ला ही है जो लोगों की सभी प्रकार से मदद कर सकता है और बिड़ला ही है जो बड़ी बड़ी बातों को साकार कर सकता है। उसकी सफलता इतनी बड़ी है कि कोई उसके करीब भी नहीं जा सकता। बिड़ला केवल एक परिवार का नाम नहीं बल्कि उससे कहीं ज्यादा है और दशकों से स्थापित है। आइए जानते हैं कहां से शुरू हुआ बिड़ला कारोबार और आज कहां तक पहुंच गया है। 

बिड़ला फैमिली की मेन ब्रांच सेठ शोभाराम से शुरू होती है। राजस्थान का मारवाड़ी परिवार के पहले बेटे शिव नारायण बिड़ला ने बिजनेस की नींव रखी। शिव नारायण ने सबसे पहले कॉटन की ट्रेडिंग से शुरुआत की थी। 1863 में मुंबई शिफ्ट होने के साथ ही उन्हें एक ट्रेडिंग हाउस की स्थापना की। इसके बाद उनके बेटे बाल देवदास बिड़ला ने कोलकाता में अपना बिजनेस सेटअप लगाया। बाल देवदास के चार बेटे थे। जेडी बिड़ला, आरडी बिड़ला, जीडी बिड़ला और बीएम बिड़ला।

50 लाख रुपए के निवेश से शुरू हुआ बिड़ला ग्रुप...
जीडी बिड़ला ने अपने ससुर एम. सोमानी की मदद से बिजनेस शुरू किया। 1919 में जीडी बिड़ला ने 50 लाख रुपए के निवेश के साथ ‘बिरला ब्रदर्स लिमिटेड’ की स्थापना की। इसी साल उन्होंने ग्वालियर में कपड़ा मिल की नींव रखी। कुछ ही समय बाद जीडी बिड़ला ने दिल्ली की एक पुरानी कपड़ा मिल भी खरीद ली।

इसके बाद 1923 से 1924 में उन्होंने केसोराम कॉटन मिल्स खरीद ली। सन 1926 में वह सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के लिए चुने गए। वह इंडिया के ऐसे बिजनेसमैन थे जिन्हें सच्चा देशभक्त भी माना जाता था। वह विदेशी वस्तुओं के खिलाफ थे। स्वतंत्रता संग्राम के वक्त उन्होंने महात्मा गांधी के आंदोलन को फंड मुहैया कराया था।

36 देशों में है बिजनेस
बिड़ला ग्रुप ने अपना बिजनेस इंडिया से शुरू करके आज दुनिया के 36 देशों में फैला लिया है। ग्रुप का कुल रेवेन्यु का 50 प्रतिशत हिस्सा इंडिया के बाहर से ही आता है। इस वक्त ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला हैं, जो आदित्य विक्रम बिड़ला के बेटे हैं। 28 साल की उम्र में ही कुमार ने यह जिम्मेदारी संभाल ली थी।

लंदन बिजनेस स्कूल से की एमबीए की पढ़ाई
कुमार मंगलम बिड़ला का जन्म 14 जून 1967 में राजस्थान राज्य के एक मारवाड़ी व्यवसायी बिड़ला परिवार में हुआ था। चार्टर्ड एकाउंटेंट कुमार मंगलम बिड़ला ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की।

ये हैं बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन
कुमार मंगलम बिड़ला आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन हैं। इंडिया में उनकी कंपनियों में शामिल ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल शामिल हैं। कनाडा में आदित्य बिरला मिनिक्स और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के वह चांसलर हैं। कुमार मंगलम बिरला कई कंपनियों के बोर्ड में महत्वपूर्ण पदों में भी शामिल हैं।

टॉप बिजनेस वूमन की लिस्ट में शामिल है पत्नी
नीरजा भारत के टॉप बिजनेस वूमन की लिस्ट में शुमार कुमार मंगलम बिड़ला की पत्नी हैं। वे आदित्य बिड़ला ट्रस्ट की वाइस चेयरपर्सन हैं। कुमार बिड़ला और नीरजा के तीन बच्चे अनन्याश्री, आर्य मन विक्रम और अद्वैतेषा हैं। जब कुमार बिड़ला 22 वर्ष के थे तब उनकी शादी नीरजा से हुई थी।

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