अब कर्मचारी संगठनों ने उठाया दागी मंत्रियों का सवाल

भोपाल। मप्र में तंत्र और सरकार के बीच तनातनी तेज होती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की समन्वय बैठक में सांसद एवं मंत्रियों ने अफसरशाही को बेलगाम बताया था। आज कर्मचारी संगठनों ने दागी मंत्रियों का सवाल उठा दिया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार चला रहे मंत्री भ्रष्टाचार के लिए अफसरों पद दवाब बनाते हैं। वसूली के लिए बार बार परेशान करते हैं। कर्मचारी नहीं चाहते कि वो भ्रष्टाचार करें लेकिन मंत्रियों के दवाब में ऐसा करना पड़ता है। 

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि, ब्यूरोक्रेसी को भ्रष्ट बताने के बाद कर्मचारियों का भी अपमान किया गया है। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच लोकायुक्त में चल रही है और सरकार इन मामलों को दबा रही है। मप्र कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि, कुछ अफसरों की वजह से पूरे सरकारी अमले पर ही सवाल खड़ा करना ठीक नहीं है। नौकरशाही भ्रष्ट है तो इसकी जिम्मेदार भी सरकार और उसके मंत्री ही हैं। 

अफसरों की चौकड़ी चला रही सरकार
आरएसएस की बैठक में ब्यूरोक्रेसी पर तनी उंगलियों के बाद अब कांग्रेस ने भी सरकार पर तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि, यही बात कांग्रेस लंबे अर्से से बीजेपी सरकार को चिल्ला-चिल्ला कर बता रही है। अब बीजेपी सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक भी कांग्रेस की बात को दोहरा रहे हैं। यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार को चार अफसरों की चौकड़ी चला रही है।

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