भारत में सभी प्रकार की शिकायतें यहां कीजिए

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आपकी परेशानी या शिकायतों का त्वरित निवारण के लिए एक अलग तरीका अपनाया है। इसके लिए सरकार सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रही है। अपनी परेशानी या शिकायत आप सीधे सरकार को भेज सकते हैं। बस आप ट्विटर पर हैशटैग #twitterseva के साथ अपनी बातें ट्वीट कर दीजिए। आपकी शिकायत सीधे संबंधित मंत्रालय या महकमे तक पहुंच जाएगी।

बता दें कि मोदी सरकार ने 'मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस' पर अमल करते हुए मंगलवार को अपनी यह ट्विटर सेवा शुरू कर दी है। इसको लेकर सरकार का दावा है कि जब तक आपके समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक आपकी शिकायत ब्लिंक करती रहेगी। इसका मतलब यह है कि अधिकारी उसे हल्के में नहीं ले सकेंगे। इस सेवा के जरिए आप शिकायतों के अलावा आप अपनी सुझाव और टिप्पणियां भी भेज सकते हैं। 

आप अपने संदेश कर सकेंगे ट्रैक
अपनी शिकायत को ट्रैक भी कर सकते हैं। शिकायत जिस सर्वर पर जाएगी, वहां से एक टिकट जारी होगा। उसकी सूचना ट्वीट करने वाले को मिल जाएगी। फिर, आप अपनी शिकायत पर की जा रही कार्रवाई को ट्रैक कर सकेंगे। इसी दौरान शिकायत, संबंधित मंत्रालय या महकमे तक जाएगी। जब तक महकमे के अधिकारी उसे दुरुस्त नहीं कर देंगे तब तक ये शिकायत ब्लिंक करती रहेगी।

यूपी सरकार और दिल्ली-मुंबई पुलिस भी जुड़ीं
इस नई सेवा के तहत कई मंत्रालय और महकमे को जोड़ा गया है।  फिलहाल, इस सेवा के दायरे में संचार, दूरसंचार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय को शामिल किया गया है। इसके अलावा माय गवर्नमेंट तक भी इस ट्विटर हैंडल को अटैच कर शिकायत भेजी जा सकती है। इन मंत्रालयों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार, दिल्ली और मुंबई की पुलिस भी इससे जुड़ गई है। 

किसी भी तरह की समस्या के लिए करें ट्वीट
इस सेवा को डिजाइन करने वाले राहिल ने बताया कि, चाहे टेलीफोन में खराबी हो, बिजली की समस्या हो, किसी महकमे या मंत्रालय में काम कराने में अड़चन आ रही हो, पुलिस आपकी सुन न रही हो। इन सबकी शिकायत अपने ट्विटर हैंडल से #twitterseva को अटैच कर आप कर सकते हैं। 

BSNL, MTNL और डाकसेवा के लिए अलग से हैशटैग
इसी सेवा के तहत बीएसएनएल और एमटीएनएल का अलग से हैशटैग  #Bsnlseva और #mtnlseva होगा। इसके अलावा डाक विभाग के लिए #postalseva का इस्तेमाल किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे तमाम मंत्रालय और महकमे इसके अंतर्गत आएंगे। साथ ही जिन राज्यों की सरकारें दिलचस्पी दिखाएंगी, उनको भी इस सिंगल हैशटैग सेवा के दायरे में लाकर जनता को नया हथियार दे दिया जाएगा, ताकि आरटीआई के बाद जनता के हाथ में समस्या के समाधान का एक और तरीका आ सके।

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