अब चीन को मोदी की मदद चाहिए

नईदिल्ली। एनएसजी मामले में भारत का विरोध और कश्मीर के मामले में पाकिस्तान को सपोर्ट करके चीन ने भारत से अपने बनते संबंध बिगाड़ लिए हैं, लेकिन अब चीन को भारत की मदद की जरूरत है अत: वो संबंध सुधारना चाहता है। इसीलिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी 12 अगस्त से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। वो दक्षिण सागर पर चीन को अधिपत्य मामले में भारत का समर्थन चाहते हैं जबकि समुद्र की लड़ाई में वो लगभग हारने की स्थिति पर है। 

नकारा गया दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा 
गौर हो कि संयुक्त राष्ट्र के समुद्रीय कानूनों के तहत इस मामले की सुनवाई के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया। अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को नकार दिया था। दक्षिणी समुद्री क्षेत्र पर चीन के दावे को लेकर फिलीपींस ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतरराष्ट्रीय समझौते के आधार पर इसे ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। 

चीन के खिलाफ कई देशों ने खोला मोर्चा
चीन के दावे के नकारे जाने के बाद कई देशों ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इस वजह से चीन की परेशानी बढ़ गयी है। चीन चाहता है कि वह जी20 सम्मेलन में दक्षिणी चीन सागर के विवादित मुद्दे को उठाने वाले देशों के साथ शामिल ना होने के लिए भारत को मना सके। चीन को इस बात की चिंता है कि सम्मेलन में अमेरिका सहित कई देश इस हिस्से पर उसके दावे को लेकर सवाल उठाएंगे।

भारत को अपनी ओर करना चाहता है ड्रैगन
वहीं चीन इस मुद्दे पर भारत के रूख से भी खुश नहीं है, क्योंकि भारत चाहता है कि इस मुद्दे का हल संयुक्त राष्ट्र समझौते के आधार पर ही किया जाना चाहिए। चीन नहीं चाहता कि जी20 सम्मेलन में यह मुद्दा उठे। चीन चाहता है कि सितंबर में होनी वाली जी-20 बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा ना हो और साथ में भारत जी-20 की बैठक में भी शामिल ना हो। चीन हाल ही में आसियान देशों को जी-20 सम्मलेन के दौरान इस मुद्दे से जुड़ी किसी भी चर्चा में शामिल नहीं होने के लिए मनाने की कोशिश कर चुका है। हालांकि इस बात का पता नहीं चल सका है कि वह अपने उद्देश्य में कितना कामयाब रहा।

भारत दौरे पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री
वांग फिलहाल तीन देशों के दौरे पर हैं, जिसमें वह 9 अगस्त से केन्या और यूगांडा का दौरा भी करेंगे। केन्या के विदेश मंत्री अमीना मोहम्मद से मुलाकात करने से पहले वह नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे और इस दौरान वो सितंबर में होने वाली मोदी और जिनपिंग की मुलाकात की रूपरेखा तय करेंगे। गौर हो कि आगामी 3 सितंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय चीनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात करेंगे। 

भारत उठाएगा कई मुद्दे
महत्वपूर्ण बात यह है कि वांग का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले चीन की सैनिक टुकड़ियों ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भूमि और वायु दोनों सीमाओं का उल्लंघन किया था। सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष चीन द्वारा अपनी एनएसजी सदस्यता में अवरोध खड़ा किए जाने के मुद्दे को उठा सकता है।

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