आॅनलाइन बर्थ रिजर्वेशन पर ट्रांजैक्शन चार्ज घटेंगे

नईदिल्ली। मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे से आॅनलाइन रिजर्वेशन करने पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज की दर को घटाने के लिए कहा है। फिलहाल जब आप आईआरसीटीसी से कोई बर्थ या सीट बुक करते हैं तो आपको दोहरे चार्जेस देने पड़ते हैं। एक चार्ज आईआरसीटीसी लेता है तो दूसरा आपका अपना बैंक। रेलवे इस तरह के अतिरिक्त चार्ज लगाकर 600 करोड़ रुपए कमाता है, जबकि आॅनलाइन टि​कट बुकिंग में उसके कर्मचारियों की जरूरत खत्म हो जाती है और कई स्तर पर बचत भी होती है। यदि आप 1 से अधिक टिकट बुक करते हैं तो यह चार्जेस काफी ज्यादा लगने लगते हैं। ऐसे में लोग विंडो टिकट लेना ज्यादा पसंद करते हैं। 

सरकार ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए नगदी के उपयोग को घटाने और उसकी जगह कार्ड पेमेंट को बढावा देने को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। इस संबंध में सरकार ने कई ऐसे कदम उठाएं हैं, जिनका असर अगले कुछ महीनों में देखने को मिल सकता है।

इससे पहले सरकार एयर इंडिया को भी आॅनलाइन टिकट बुकिंग पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को घटाने के लिए कह चुकी है। सरकार ने नगदी का उपयोग कम करने और प्लास्टिक मनी को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से भी इस तरह के चार्ज को घटाने का आग्रह किया है। सरकार के इस अनुरोध के बाद एयर इंडिया ने कार्ड के जरिए बुक किए जाने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को खुद ही वहन करने का फैसला किया है, पहले यह चार्ज उपभोक्त से वसूल किया जाता था। एक अन्य सरकारी उपक्रम बीएसएनएल ने भी कार्ड पेमेंट पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को खुद ही भरने का फैसला किया है। इस तरह की ट्रांजैक्शन लागत को आमतौर पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) कहा जाता है।

रेलवे को कार्ड के जरिए होने वाले पेमेंट पर लगने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज से सालाना लगभग 600 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। खबरों की माने तो रेलवे इसीलिए सरकार के इस निर्देश का विरोध कर रहा है। वित्त मंत्रालय और रेलवे के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसने सभी सरकारी उपक्रमों और विभागों को कार्ड व डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को खुद वहन करने का निर्देश दिया है।

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