मुरैना। जिस दूध को आप पौष्टिक समझकर अपने बच्चों को जबर्दस्ती पिलाते हैं, वह जहरीला भी हो सकता है। मप्र में जहरीले दूध का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। पहले छोटी छोटी यूनिट पकड़ी जातीं थीं, लेकिन इस बार एक बड़ा प्लांट पकड़ा गया है। यहां एक टेंकर में भरा 3500 लीटर जहरीला दूध भी मिला है।
जिस डिटर्जेंट से कपड़ा धोया जाता है, उससे टैंकर भरकर दूध बनाया जा रहा था। इसी दूध को घरों में सप्लाई किया जा रहा था। डिटर्जेंट, लिक्विड, रिफाइंड व वनस्पति में केमिकल मिलाकर सिंथेटिक दूध बनाने का एक बड़ा प्लांट मंगलवार को बानमोर स्थित शनीचरा रोड के डिपो मोहल्ले में पकड़ा गया है।
छापामार दल ने 3500 लीटर तैयार सिंथेटिक दूध, 200 टिन रिफाइंड, रई मशीन, 50 कट्टा ग्लूकोज पाउडर, 30 टिन वनस्पति, डिटर्जेंट लिक्विड की 40 बोतलें और दो केमिकल ड्रम आरएम जब्त किए हैं। एसडीएम प्रदीप तोमर, फूड सेफ्टी आॅफिसर रेखा सोनी ने तहसीलदार नरेश गुप्ता, नायब तहसीलदार गजेंद्र सिंह लोधी व पुलिस टीम के साथ छापा डाला था। जहां जौरा के गढ़ी खेरा गांव निवासी जरदान सिंह अपने भाई दिलीप बघेल व साथी सुनील बघेल के साथ मिलकर सिंथेटिक दूध बना रहे थे। जरदान व सुनील को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दिलीप भाग निकला।