गुडगांव। मेडिकल माफिया के चंगुल में फंस चुकी भारत की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं किस स्तर तक मरीजों को तंग करतीं हैं यह मामला इसकी बड़ी नजीर है। गुडगांव जैसे हाईटैक शहर के सरकारी सिविल अस्पताल में इलाज की पर्ची बनवाने के लिए लाइन में खड़ी 11 साल की एक मासूम लड़की, इंतजार करते करते ही मर गई लेकिन उसकी पर्ची नहीं बन पाई। लड़की को किडनी संबंधी समस्या थी।
जानकारी के मुताबिक, लड़की जब अस्पताल पहुंची, तब उसकी हालत बहुत खराब थी। डॉक्टरों ने सीधा इलाज करने के बजाए पर्ची कटवाने को कहा। इसके लिए मां-बेटी को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ा। 45 मिनट तक लाइन में खड़े रहने के बाद लड़की जमीन पर गिर पड़ी और फिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटनाक्रम ओपीडी के बाहर हुआ। वहां ड्यूटी कर रहे डॉ. उमेश मेहता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।