कश्मीर: लम्बी बहस नतीजा शून्य

राकेश दुबे@प्रतिदिन। यूँ तो संसद में कई बार कश्मीर पर चर्चा हो चुकी है पर इस बार बहस से जो निकल कर आया है उससे  पहली नजर में यह छवि बनती है कि सरकार कश्मीर पर अब आक्रामक कूटनीति का वरण करेगी, किंतु यदि हम अपने आपसे यह प्रश्न करते हैं कि क्या पाकिस्तान से बातचीत की स्थिति है तो फिर हमारे सामने कश्मीर को लेकर एक बड़ा शून्य उभर जाता है?वास्तव में माननीय सांसदों ने बहस की मांग कर जो उम्मीद जगाई थी, बहस के समापन ने देश को उसी तरह निराश भी किया है|

शायद ही किसी एक सांसद ने ऐसी कोई बात कही हो जिससे कश्मीर के वर्तमान संकट के समाधान का रास्ता निकले| ले-देकर वही सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गनों के प्रयोग को रोकना, सर्वदलीय बैठक तथा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना| विचित्र स्थिति है. अगर सुरक्षा बलों पर पत्थरों से हमला होगा, एसिड फेंका जाएगा तो वे क्या करेंगे? माननीय सांसदों को इसका भी जवाब देना चाहिए था| आखिर सुरक्षा बलों की जिन्दगी के कोई मायने है या नहीं? इसका उत्तर किसी ने नहीं दिया|

हालांकि गृह मंत्री ने नागरिकों की तुलना में हताहत सुरक्षाकर्मियों की बड़ी तादाद को उनके धैर्य का परिचायक बताया. पर दुर्भाग्य से यह भी कह दिया कि सरकार ने इसके लिए एक समिति बना दी है तथा इसकी रिपोर्ट आने तक बलों से अधिकतम संयम बरतने को कहा गया है| तो इस बहस से निकला क्या? इसका संदेश क्या गया? राज्य सभा में सर्वसम्मति से जो प्रस्ताव पारित हुआ, उसमें स्थिति पर चिंता प्रकट की गई, मरने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई और कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा|

इससे कश्मीर के वर्तमान संकट पर कोई सकारात्मक असर पड़ेगा ,यह मानना ही बेमानी होगा| बहस का निष्कर्ष यही है कि हमारे राजनीतिक दलों के पास कश्मीर की वर्तमान हिंसा को रोकने को लेकर कोई व्यावहारिक सोच नहीं है और सरकार भी हिम्मत के साथ सच कहने तथा ठोस कार्रवाई की योजना लेकर सामने आने के बजाय सर्वसम्मति के चक्कर में फंसी हुई है|जब विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की यही दशा है तो फिर रास्ता निकल ही नहीं सकता. कुल मिलाकर राज्य सभा की बहस का निष्कर्ष यही है कि कश्मीर में अभी हिंसा और उपद्रव जारी रहेगा, भारत विरोधी गुट, संगठन और लोग अपनी कारगुजारियां करते रहेंगे|
 श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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