बदल सकते हैं मप्र के शिक्षामंत्री, विजय शाह से संघ नाराज

भोपाल। मिशनरी स्कूलों के प्रति अपनी व्यक्तिगत कृतज्ञता प्रकट करने के बाद शिवराज सरकार के शिक्षामंत्री विजय शाह अब आरएसएस के निशाने पर आ गए हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विजय शाह के बयानों और घोषणाओं से कतई खुश नहीं है। विजय शाह मिशनरी शिक्षा व्यवस्था का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं जबकि संघ की विचारधारा एवं शिक्षा पद्धति विद्या भारती की ओर से आती है। 

संघ में शिक्षा का काम देखने वाली संस्था विद्या भारती ने मंत्री के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए उनका विभाग बदलने की सलाह संगठन के बड़े नेताओं को दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री बनने के बाद विजय शाह नित नई घोषणाएं कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा को लेकर उनकी सोच संघ की संस्था विद्या भारती से मेल नहीं खा रही है। 

टीचर्स की यूनिफार्म उचित नहीं 
विद्या भारती का सबसे पहला विरोध शिक्षकों को एप्रेन पहनाने को लेकर हैं। मंत्री शाह ने स्कूल शिक्ष विभाग की कमान मिलने के बाद घोषणा की थी कि शिक्षकों को अब एप्रेन पहनाया जाएगा और इस पर उनके नाम की पट्टिका भी लगाई जाएगी। शिक्षक ही उनकी इस घोषणा के विरोध में उतर आए है। दूसरी तरफ संघ भी इस घोषणा को अव्यवहारिक मान रहा है। उनका मानना है कि शिक्षकों पर इस तरह का ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा सकता। उसका कहना है कि प्रदेश में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है। इस तरह के निर्णय उन पर लाद कर उन्हें नाराज करना ठीक नहीं होगा। 

5000 प्ले स्कूल कैसे खोलेगी सरकार 
इसके अलावा शाह की प्रदेश में पांच हजार नर्सरी स्कूल खोलने की घोषणा भी संघ को नहीं पच रही है। संघ शिक्षा को लेकर जो एजेन्डा चला रहा है उसमें वह पांच साल का होने पर ही बच्चे को स्कूल भेजने की सलाह दे रहा है। संघ का कहना है कि अगर नर्सरी स्कूल खोले जाते हैं तो फिर सरकार द्वारा संचालित की जा रही लाखों आंगनबाड़ी केन्द्रों का क्या होगा। सूत्रों की माने तो इसके अलावा विद्याभारती उनके कुछ और निर्णयों को गंभीर नहीं मान रही है। उसने अपनी मंशा से संगठन और सरकार के नेताओं को भी अवगत करा दिया है। माना जा रहा है कि संघ की नाराजगी को देखते हुए शाह के विभाग में तब्दीली की जाएगी।

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