भोपाल। वैसे भाजपा नेताओं के आदर्श अटल, अडवाणी हुआ करते थे। आजकल मोदी भी हो गए हैं परंतु मप्र के पूर्व गृहमंत्री एवं 75 पार हो चुके वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर के आदर्श अब शायद बदल गए हैं। उनका नया आदर्श है गुजरात में आरक्षण की आग भड़काने वाला हार्दिक पटेल। बाबूलाल गौर अब हथियार उठाने की बात कर रहे हैं। भोपाल में शुक्रवार को आयोजित हुई यादव महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ ऐसा ही कहा है।
राजधानी में शुक्रवार को आयोजित यादव महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी का उद्घाटन करते हुए गौर ने कहा कि सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी, मिला क्या? नहीं मिला, इसलिए अब संगठित हो जाओ। कब तक प्रार्थना करोगे, हाथ जोड़ोगे? सुदर्शन उठा लो शक्ति प्रदर्शन करना पड़ेगा। गुजरात में जिस तरह हार्दिक ने आंदोलन चलाया और आनंदी बेन की सरकार गिर गई। अब नई सरकार में पटेल समाज के 8 मंत्री हैं, इसलिए आप भी संघर्ष के लिए तैयार हो जाएं। समाज के युवाओं का बैठने से काम नहीं चलेगा, शक्ति प्रदर्शन करें।
जैनों की एकता से सीखो
गौर ने कहा कि जैनों की एकता से सीख लें, आचार्य विद्यासागर राजधानी आए हैं तो सरकार पलक-पांवड़े बिछाए चरणों में गिर गई। बोहरा समाज के धर्मगुरु आते हैं तब भी सरकार उन्हें राजकीय अतिथि का सम्मान देती है। भगवान कृष्ण के वंशज यादव समाज के युवा आगे आएं।मोदी फार्मूला के तहत हाल ही में मंत्रिमंडल से हटाए गए गौर ने कार्यक्रम में यह भी बताया कि कुछ दिन जबलपुर के पहले एक जैन संत उनके निवास पर आए थे उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल से जिस तरह उन्हें (गौर को) हटाया गया वह अपमानजनक है।
उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता
बाबूलाल गौर बोलते रहते हैं उनको बोलने का ज्यादा शौक है। उनकी बात को न समाज गंभीरता से लेता है और न ही पार्टी। गौर अब मंत्री भी नहीं हैं, यह उनकी उम्र का असर है।
-नंदकुमार सिंह चौहान, अध्यक्ष मप्र भाजपा
गंभीरता से लिया जाना चाहिए
गौर यादव समाज एवं पिछड़ों के वरिष्ठ नेता हैं। वह जो बात कह रहे हैं उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटाकर प्रदेश की 57 फीसदी ओबीसी आबादी का अपमान किया है।
अरुण यादव, अध्यक्ष मप्र कांग्रेस