मप्र के कर्मचारियों को केन्द्र के समान नहीं मिलेगा 7वां वेतनमान

भोपाल। 6वां वेतनमान की विसंगतियां झेल रहे मप्र के 6 लाख कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ तो मिलेगा लेकिन वो केन्द्र के समान नहीं होगा। कर्मचारी को करीब 15 प्रतिशत का लाभ मिलने की संभावना है। वित्त विभाग के अधिकारियों की कोशिश है कि किसी भी प्रकार से कम से कम वित्तीय भार पर 7वां वेतनमान लागू कर दिया जाए। उम्मीद है अगले 6 माह में यह लागू हो जाएगा परंतु अध्यापकों को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर सातवां वेतनमान देने की घोषणा की है। इसे लेकर मंगलवार को मंत्रालय में वित्त विभाग के अधिकारियों ने बैठक की। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले वेतनमान के हिसाब से प्रदेश की परिस्थितियों को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिया जाएगा। छठवें वेतनमान के समय भी इसी तरह कांट-छांट करते हुए वेतन दिया गया था। कुल मिलाकर जो दिग्विजय सिंह सरकार ने किया था वही शिवराज सरकार भी करेगी। 

छठवें वेतनमान की गड़बड़ी दूर हों
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह और तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने बताया कि छठवें वेतनमान से जुड़ी गड़बड़ियां दुरुस्त नहीं हुई हैं। पहले इसमें सुध्ाार किया जाए, ताकि कर्मचारियों को दो से तीन हजार रुपए महीने का जो नुकसान हो रहा है, वो बंद हो जाए। उध्ार, राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने सरकार के ऐलान का स्वागत करते हुए कहा कि कर्मचारी संगठन सीएम का अभिनंदन करेंगे।

हमने काम शुरू कर दिया है: मलैया
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि सातवां वेतनमान देने की दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है। चालू वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिया जाएगा। इसके लिए कदम उठाने वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ जल्द बैठक होगी। इसमें तय किया जाएगा कि कमेटी गठित करें या अन्य प्रक्रिया अपनाएं।

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