नई दिल्ली। आईटी सेक्टर में काम कर रहे भारत के लाखों युवाओं में से 70 हजार बेरोजगार हो जाएंगे। कंपनियां उन्हें नौकरी से निकालने वाली हैं। यह प्रक्रिया कुछ इस तरह से चलाई जाएगी कि विवाद भी ना हो और उन्हें आसानी से हटा दिया जा सके। यह जानकारी कंसल्टिंग फर्म जिनोव ने दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी सेक्टर में ऑटोमेशन के कारण हजारों की तादात में नौकरियां खत्म होंगी। इसका सबसे बड़ा असर अकुशल और निचले स्तर के कर्मचारियों की नौकरी पर पड़ेगा। जिनोव के इंगेजमेंट लीड हार्दिक तिवारी ने बताया कि इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स टेक्नोलॉजी के कारण 2021 तक देश में करीब एक लाख 20 हजार नौकरियां प्रभावित होंगी। इनमें से करीब 94 हजार नौकरियां खत्म होंगी ओर करीब 25 हजार नई नौकरियां पांच सालों के दौरान पैदा की जाएंगी।
इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (IoT) एक शब्द है, जिसका प्रयोग मशीनरी में सेंसर्स और चिप्स के जोड़े जाने को समझाने के लिए किया जाता है। इससे मशीन इंटरनेट को मॉनीटर करती है और उसे कंट्रोल करती है। एडमिनिस्ट्रेशन, सपोर्ट स्टाफ और मेंटीनेंस में काम करने वाले लोग देखेंगे कि उनका काम टेक्नोलॉजी ने ले लिया है।
नई नौकरियों के रूप में IoT प्रोडक्ट मैनेजर्स, रोबोट को-ऑर्डिनेटर्स, इंडस्ट्रियल प्रोग्रामर्स और नेटवर्क इंजीनियरों की जरूरत पैदा होगी। जुलाई में रिसर्च फर्म HfS ने आशंका जाहिर की थी कि अगले पांच सालों में ऑटोमेशन के कारण भारत के आईटी सेक्टर में करीब 6.4 लाख 'लो-स्किल्ड' जॉब्स खत्म हो जाएंगी।