नई दिल्ली। जब इच्छाएं पूरी हो जातीं हैं तो मन शांति की तलाश करने लगता है। फिर चाहे वो सम्राट अशोक हो या सिकंदर या फिर दिल्ली के प्लास्टिक किंग भंवरलाल दोशी। जी हां, 70 के दशक में अपने परिवार के तमाम विरोधों के बावजूद 30 हजार रुपए की उधारी के साथ प्लास्टिक का कारोबार शुरू करने वाले भंवरलाल दोशी ने 600 करोड़ का कारोबार छोड़कर सन्यास ले लिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी तमाम संपत्ति भी दान कर दी।
दिल्ली के 'प्लास्टिक किंग' नाम से मशहूर भंवरलाल दोषी ने अपना 600 करोड़ रुपए का बिजनेस एंपायर छोड़ पिछले साल संन्यास ले लिया था। मूलत: राजस्थान के रहने वाले भंवरलाल दोशी ने कड़ी मेहनत से दिल्ली में अपना प्लास्टिक और उससे जुड़ी चीजों का बड़ा कारोबार खड़ा किया था। दरअसल 1982 से ही वह जैन धर्म की शिक्षा लेना चाहते थे। पिछले साल एक समारोह में उन्होंने अपनी 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति मठवासी जीवन को बढ़ावा देने के लिए दान कर दी थी।
पिता से उधार लेकर शुरू किया था बिजनेस
70 के दशक में भंवरलाल ने अपने पिता से 30 हजार रुपए उधार लेकर बिजनेस शुरू किया था। उनके पिता राजस्थान के एक छोटे कपड़ा व्यापारी थे। उन्होंने अपने पिता का फैमली बिजनेस को आगे बढ़ाने का ऑफर ठुकरा दिया था। इसके चलते उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने खुद की कड़ी मेहनत से 600 करोड़ का बिजनेस खड़ा किया।
यह कहानी जैन समाज के पर्यूषण पर्व के प्रसंग पर