मप्र के 500 तहसीलदारों का प्रमोशन निरस्त, वापस RI बनेंगे

भोपाल। राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार और तहसीलदार बने मप्र के 500 अधिकारियों के प्रमोशन निरस्त कर दिए गए हैं। अब ये सभी वापस राजस्व निरीक्षक का काम करते दिखाई देंगे। करीब 3 महीने पहले एक सरकारी जुगाड़ के चलते बिना परीक्षा के इन अधिकारियों को प्रमोशन दे दिया गया था। विवाद उठा तो प्रमोशन निरस्त कर दिया गया। इसके लिए सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

इसलिए हुआ आदेश वापस 
तहसीलदार बनने के लिए बकायदा एग्जाम पास करना होता है। वहीं तहसीलदार कोर्ट के जरिए होने वाले आदेश जारी करने से पहले हर तरह की ट्रेनिंग मिलती है लेकिन राजस्व निरीक्षकों से प्रमोशन पाकर नायब तहसीलदार बनें लोगों को ये जिम्मेदारी सौंप दी गई। जिन्होंने अभी तक आदेशों का पालन किया था वही आदेश जारी करने लगे।

आरआई स्तर का कर्मचारी कैसे तहसीलदार के आदेश पारित कर सकता है, ये बड़ा सवाल उठने लगा। कई जिलों में काम प्रभावित हुए और गलत आदेश भी जारी होने लगे। वहीं प्रदेश ऐसे लोग जिन्होंने एग्जाम दिया और तब जाकर नायब तहसीलदार बनें व ट्रेनिंग भी प्राप्त की, उन्हें तहसीलदार नहीं बनाया गया।

इतने होंगे प्रभावित
जबलपुर,भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन जैसे ही हर एक जिले में कम से कम 10 की संख्या में आरआई को नायब तहसीलदार का प्रमोशन मिला और फिर उन्हें तहसीलदार की शक्तियां दी गई। इस हिसाब से 500 से ज्यादा प्रमोशन पाने वालों को वापस उनके मूल पद पर भेजा जाएगा।

ये लिखा है आदेश में
6 अगस्त को राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने राजस्व निरीक्षकों की पदस्थापना को लेकर निर्देश दिए कि सभी जिलों के राजस्व निरीक्षकों की जानकारी भोपाल भेजी जाए। इस जानकारी में कलेक्टरों को उनकी आरआई की पदस्थापना दिनांक से लेकर उनकी तहसील व उनको सौंपी गई जिम्मेदारी के बारे में बताना है। वहीं प्रमोशन पाने वाले नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाया गया हो तो उनके आदेश तत्काल निरस्त करने के आदेश दिए हैं।

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