भाजपा के कार्यक्रम में 500 दलित भी नहीं आए, 50 हजार का था दावा

नईदिल्ली। उत्तरप्रदेश में आगरा में भाजपा के दलित प्रेम की बड़ी फजीहत हुई। जिस शहर में दलितों की एक तिहाई जनसंख्या रहती है वहां भाजपा अपने कार्यक्रम में 500 दलित भी नहीं जुटा पाई जबकि दावा 50 हजार का किया गया था। हालात यह बने कि लास्ट टाइम में कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा। पहले एक बड़ा मैदान तय किया गया था, फिर एक छोटे से स्कूल में शिफ्ट हो गया। वहां भी हॉल पूरा नहीं भरा। मौजूद करीब 500 लोगों में या तो भाजपा के कार्यकर्ता थे या 'धम्‍म चेतना यात्रा' में आए भिक्षु। हां, कुछ गरीब बच्चे भी थे, जो पब्लिक प्लेस पर भीख मांगते हुए या दूसरे काम करते हुए दिखाई दे जाते हैं। 

आयोजन था भाजपा द्वारा दलितों को एकजुट करने के लिए निकाली जा रही 'धम्म चेतना यात्रा' का। पहले के कार्यक्रम के अनुसार, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह को भी कार्यक्रम को संबोधित करना था, लेकिन बाद में अमित शाह का नाम हटा दिया गया। नए कार्यक्रम स्‍थल सरस्वती शिशु मंदिर, कमलानगर का हॉल तक नहीं भर सका। कमला नगर में रहने वाले एक स्‍थानीय नागरिक जिसने कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया, के अनुसार, ”यह देखकर चौंक गया कि हॉल में मौजूद ज्‍यादातर लोग भिक्षु या बीजेपी कार्यकर्ता थे। उन्‍होंने सड़क पर रहने वाले बच्‍चों और भिख‍ारियों को भी कार्यक्रम स्‍थल पर बुला लिया।”

जहां पार्टी कार्यकर्ता सेल्‍फी लेने में व्‍यस्‍त रहे, मौके पर मौजूद भिक्षु या तो सो रहे थे, या फिर उन्‍हें राजनेताओं के भाषण में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी। एक समय तो, आगरा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘पिन ड्रॉप साइलेंस’ बनाए रखने की अपील करनी पड़ी। उन्‍होंने मंंच से ही घोषणा की, ”एक दम आवाज न आए। जो जहां खड़ा है, वहीं खड़ा रहे।”

 अब अलगाववादियों के लिए काम करूंगा
करीब 400 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए यूपी बीजेपी के चीफ केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ”यह भाजपा ही है जिसने मध्‍य प्रदेश में अंबेडकर के गांव को स्‍वर्ग में बदल दिया है। यह मोदी है जो किसी भी देश में जाते हैं तो बौद्ध मंदिरों में जाना नहीं भूलते।” राज्‍य में सत्‍ताधारी समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए उन्‍होंने कहा, ”मुझे अफसोस है कि जहां मेरा देश तरक्‍की कर रहा है, वहीं मेरा प्रदेश पिछड़ रहा है।”

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