मप्र के 25 हजार स्कूलों में शाला सिद्धि कार्यक्रम

भोपाल। प्रदेश में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिये पिछले वर्षों में अनेक नवाचार किये गये हैं। इसी कड़ी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली के राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली (एन.यू.ई.पी.ए.) ने शालाओं के मूल्यांकन एवं सुधार के लिये एक फ्रेम वर्क 'शाला सिद्धि' कार्यक्रम शुरू किया है। इसे प्रदेश के 25 हजार प्रायमरी और मिडिल लागू किया जा रहा है।

शाला सिद्धि कार्यक्रम में स्कूल में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिये पूर्व के प्रयासों और राज्य की आवश्यकताओं और प्राथमिकता को समाहित किया गया है। कार्यक्रम में स्कूल स्वयं का सतत एवं बाह्य मूल्यांकन कर समग्र विकास करेगी।

नॉलेज हब पोर्टल
स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों एवं छात्रों में नॉलेज शेयरिंग के लिये नेटवर्क की व्यवस्था की है। इसके लिये हब पोर्टल तैयार किया गया है। पोर्टल में छात्रों के लिये अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्नों एवं उत्तर को शामिल किया गया है। पोर्टल में अन्य उपयोगी साइट्स की लिंक सुविधाएँ भी दी गई है। पोर्टल को निरंतर सुझाव के आधार पर और अधिक ज्ञानवर्द्धक बनाया जा रहा है।

व्यवसायिक शिक्षा का विकासखण्ड स्तर तक विस्तार
प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये इस वर्ष 313 विकासखण्ड में विस्तार किया गया है। प्रत्येक विकास खंड में एक स्कूल का चयन किया गया है। इन स्कूल में व्यवसायिक शिक्षा के 9 ट्रेड- बैंकिंग एण्ड फाईनेंसियल सर्विसेस, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, आईटी-आईटी ई एस, फिलिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्टस, रिटेल, ट्रेवल एण्ड टूरिज्म, ब्यूटी एण्ड वेलनेस और सिक्यूरिटी कार्य संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से कोई 2 ट्रेड प्रत्येक विद्यालय में संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में लगभग 27 हजार विद्यार्थी को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। व्यवसायिक शिक्षा का अगले वर्षों में और अधिक स्कूलों में विस्तार किया जायेगा।

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