सुप्रीम कोर्ट @दही हांडी: पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट, न्यूनतम आयु 18 साल निर्धारित

नई दिल्ली। जन्माष्टमी के मौके पर होने वाले दही हांडी के उत्सव को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि मानव पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से अधिक नहीं होगी। साथ ही इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों की उम्र 18 साल से कम नहीं होगी।

आपको बता दें महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में 2014 के एक फैसले को स्पष्ट करने के लिए याचिका दाखिल की थी। 11 अगस्त, 2014 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया था। इसके मुताबिक, दही-हांडी उत्सव में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के हिस्सा लेने पर रोक लगाने और मानव पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ज्यादा न रखने की बात कही गई थी।

इसके बाद आयोजकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए 12 साल तक के बच्चों को हिस्सा लेने की इजाजत दे दी थी और ऊंचाई के आदेश पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका का निस्तारण कर दिया।

यह है दही-हांडी उत्सव
दही हांडी का उत्सव हर साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित होता है। इसमें मानव पिरामिड बनाए जाते हैं और ऊंचाई पर बंधे दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ा जाता है। यह महाराष्ट्र का एक बेहद लोकप्रिय उत्सव है।

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