मृत अध्यापक की पत्नी ने अनुकम्पा के बदले 1 लाख रूपये लेने से इनकार किया

मंडला। स्व. श्री सुरेश दास सोनवानी सहायक अध्यापक घुघरी जिला मंडला की 8वीं पास पत्नी श्रीमती अमीरा बाई ने आज मंगलवार को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डा. संतोष शुक्ला  के समक्ष अनुकम्पा नियुक्ति के लिए गुहार लगाई और फफक कर अधिकारी के सामने उस वक्त  रो पड़ी जब अधिकारी ने बताया कि किसी अध्यापक के दिवंगत होने पर अनुकम्पा नियुक्ति  सिर्फ संविदा शिक्षक के पद पर ही हो सकती है और उसके लिए 12वीं में 50 प्रतिशत अंक, शिक्षक पात्रता परीक्षा पास और डीएड या बीएड होना चाहिए। 

महिला ने रोते हुए बताया कि उसका पति ही उसका सहारा था अब उसका कोई भी सहारा नही है और कहीं से भी आय का कोई भी स्रोत नही है। एक लड़का 10 में कापी ड्रेस आदि के लिए पैसा न होने कारण पढाई छोड़ दिया है और लडकी 9वीं पढ़ रही है। महिला की बेबसी देखकर सभी अवाक रह गये पर शासन की नीति के आगे सब बेबस थे। 

मौके पर राज्य अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष  डीके सिंगौर भी थे उन्होंने महिला से पूछा अनुकम्पा नियुक्ति तो नही मिलेगी 1 लाख रूपये लोगे जवाब में महिला ने रूपये लेने से साफ़ इनकार कर दिया और कहा कि भले छोटी मोटी नौकरी दे दो पर नौकरी दे दो ताकि मै जीवन भर गुजारा कर संकू अधिकारी के पास महिला को सांत्वना देने के अलावा कोई चारा न था कुछ आर्थिक मदद देकर उन्होंने महिला को विदा कर दिया बाद में संघ के जिला अध्यक्ष ने उस महिला से संपर्क कर उसे समझाया कि लाख रूपये लेने के आलावा और कोई लाभ उसे नहीं मिल सकता। अध्यापक बनने के 2 माह बाद ही तुम्हारे पति की डेथ हो गई है। इसलिए अंशदायी पेंशन का पैसा भी जमा नही हुआ है। 

अब समस्या यह है कि महिला को 1 लाख रुपये ले लेने के लिए बाध्य नही किया जा सकता क्योकि 1 लाख रूपये ले लेने के बाद केस बंद हो जायेगा और हो सकता है बाद में नियम बदल जाएँ या अनुकम्पा की राशि ही बढ़ जाये। राज्य अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष ने भरोसा दिलाया है कि संघ की तरफ से आर्थिक सहयोग तो करेंगे ही साथ ही तुम्हारा अनुकम्पा नियुक्ति का  केस भी हाईकोर्ट में लड़ेंगे ताकि तुम्हारे जैसे सभी पीड़ितो का भला हो सकेगा। 

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