फिर विधानसभा में गूंजा व्यापमं घोटाला, हुआ बड़ा खुलासा

भोपाल। व्यापमं घोटाला भले ही थोड़ा ठंडा पड़ गया हो लेकिन वो खत्म नहीं हुआ है। रह रहकर सामने आता ही रहता है। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने यह मामला उठाया। इस दौरान खुलासा हुआ कि वर्ष 2008 से 2011 के बीच रोल नंबर टैंपरिंग के एक भी मामले की जांच नहीं की गई। एसटीएफ ने इस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया। यह जानकारी गुरूवार 28 जुलाई को गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने विधानसभा में दी। इसके अलावा यह भी खुलासा हुआ कि 1300 शिकायतें ऐसी हैं जिनकी जांच ना तो एसटीएफ ने की और ना ही सीबीआई कर रही है। ये सारी शिकायतें फाइलों में कैद हैं।

गृहमंत्री ने व्यापमं घोटाले 212 मामलों में लिप्त कुल आरोपियों की संख्या, छात्र, अभिभावक, रेकेटियर, सॉल्वर, इम्पेसॉनेटर, प्रदेश व बाहर के आरोपियों की जानकारी देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मामले मे उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई विवेचना कर रही है।

1355 शिकायतें
गृह मंत्री ने बताया कि व्यापमं घोटाले को लेकर 1355 शिकायतें मिलीं। इनमें से 34 शिकायतों की जांच के बाद 19 मामलों में प्रकरण दर्ज किया गया है।

ना एसटीएफ जांच कर रही, ना सीबीआई
व्यापमं घोटाले से जुड़े ऐसे सभी मामले जिन में एसटीएफ विवेचना नहीं कर सकी, उन मामलों को अभी सीबीआई को नहीं सौंपा गया है। गृह मंत्री के अनुसार इन मामलों को सीबीआई ने अधिगृहीत नहीं किया है। मलतब यह कि 1300 से ज्यादा शिकायतों की जांच ना तो एसटीएफ ने की और ना ही सीबीआई कर रही है। यह शिकायतें फाइलों में बंद हैं। 

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