मप्र में संघ हुआ सख्त, संगठन और सरकार की खिंचाई

भोपाल। मप्र में चुनाव को अभी ढाई साल बचे हैं लेकिन पिछले ढाई साल में जो दाग लगे हैं, उन्हें मिटाने में काफी वक्त और परिश्रम जाएगा। इसलिए संघ अभी से सख्त हो गया है। संघ के प्रचारकों ने संगठन और सरकार के साथ मिलकर बातचीत की और स्पष्ट किया कि बहुत हुआ शोर शराबा, अब अनुशासन दिखाई देना चाहिए। 

राजधानी के नीलबड़ स्थित शारदा विद्या मंदिर में इस बैठक का आयोजन किया गया है। संघ प्रचारकों के अलावा इसमें सीएम शिवराज सिंह, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत और स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल माधव दवे समेत भाजपा के कई नेता मौजूद थे।

संघ ने जैसे की विषय की शुरूआत की। भाजपा की ओर से बाबूलाल गौर की शिकायत की गई। इसके अलावा सरताज सिंह का नाम भी लिया गया। चर्चा में विधायक आरडी प्रजापति के नाम का भी जिक्र हुआ। विषय था 'भाजपा संगठन और शिवराज सरकार के जिम्मेदार लोग बेतुकी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं।' ऊटपटांग बयानों के कारण विरोधियों को मौका मिल रहा है और जनाधार सरकता जा रहा है। 

संघ ने व्यवस्था दी कि अब के बाद से सभी लोग अनुशासन में रहेंगे। बेतुके बयान जारी नहीं करेंगे। जो भी अनुशासनहीनता करेगा, संगठन महामंत्री सुहास भगत सीधे उनसे बात करेंगे और मामले का निराकरण किया जाएगा। संघ ने शिवराज सरकार के मंत्रियों के प्रति भी नाराजगी जाहिर की। सीएम शिवराज सिंह को स्पष्ट बताया कि मंत्रीगण ना तो समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं और ना ही जनता व कार्यकर्ताओं को समय दे रहे हैं। सीएम ने अपने अंदाज में रिपोर्ट कार्ड सुनाना शुरू किया लेकिन संघ ने उनकी दलीलें दरकिनार कर दीं। आदेशित किया गया कि प्रभारी मंत्री अपने जिलों में जाएं, और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए भाजपा कार्यालय पहुंचे। 

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