भोपाल। सीबीआई जांच के आदेश के बाद व्यापमं घोटाले की जांच पूरी तरह से ठंडी हो गई थी। कोई नया खुलासा नहीं हुआ, उल्टा एसटीएफ ने जो गिरफ्तारियां की थीं, सीबीआई की लापरवाही के कारण उन्हे भी जमानत मिल गई थी लेकिन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शिवराज सरकार को लताड़ लगाते हुए टिप्पणी की है कि यह घोटाला बेहद चौंका रहा है।
कोर्ट ने कहा कि साल दर साल घोटाले होते रहे हैं। ये मामला किसी नौजवान बच्चे के रोटी चुराने जैसा नहीं है। हमने हमेशा छात्रों का साथ दिया है लेकिन यहां तो हर साल घोटाले हुए हैं।ऐसे में अगर हमने आंखे मूंद ली तो घोटाले रुकेंगे नहीं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन बड़े सवालों के जवाब भी मांगे हैं:
1- राज्य में कितने घोटाले व्यापमं की तरह हुए हैं ?
2- घोटाले हुए हैं, तो उनकी जांच कहां तक पहुंची ?
3- पटवारी से लेकर पीएससी भर्ती तक अगर कोई घोटाला हुआ है तो उसकी पूरी जानकारी दें।
वहीं पीएमटी 2012-13 मामले की धीमी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई और व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी केस और शिकायतों की जांच करने के आदेश दिए।
ऐसे में सीबीआई अब व्यापमं से जुड़े हर मामले और शिकायतों की जांच करेगी। इसमें पीएमटी 2008-2011 भी शामिल है। याद दिला दें कि करीब 1350 में से 1300 से ज्यादा शिकायतें ऐसी हैं जिनकी किसी ने जांच ही नहीं की। यदि इनकी जांच हुई तो पता नहीं क्या क्या बाहर निकलकर आएगा लेकिन सवाल यह है कि क्या सीबीआई उस तरीके से इस मामले की जांच करेगी जैसी की उम्मीद की जा रही थी।