राह चलती लड़कियों को बेइज्जत करके लिया मायावती के अपमान का बदला

ग्वालियर। यहां बसपा कार्यकर्ताओं ने मायावती के अपमान का बदला आम रास्ते से जा रहीं लड़कियों को जलील करके लिया। उन्हें रोका गया। उनके साथ अश्लील हरकतें कीं। गंदी गंदी गालियां भी दीं गई। दयाशंकर सिंह के बयान से गुस्साए बसपा के प्रदर्शनकारियों ने अजीब तरह का हंगामा बरपाया। प्रदर्शनकारियों ने डंडे चलाए, बीयर की खाली बोतलें फेंकी और टायरों में आग लगाई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों में शामिल 12 से 15 लड़के मुंह पर कपड़ा बांधकर न सिर्फ राहगीरों से मारपीट और वाहनों की तोड़फोड़ करते रहे। 

सनद रहे कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने यूपी में मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। यह 2 राजनैतिक दलों के बीच का विवाद था। यदि प्रदर्शन भाजपा कार्यालय के सामने होता तो न्यायोचित था परंतु उन्होंने बेकसूर लोगों पर अपना गुस्सा उतारा। बयान का विरोध करने के लिए गुरुवार को दोपहर 12 बजे थाटीपुर क्षेत्र के कुम्हरपुरा से निकले बसपा कार्यकर्ताओं ने करीब 2 घंटे तक पड़ाव चौराहे से महाराज बाड़े तक उपद्रव किया।

बसपा के प्रदेश प्रभारी सुमरत सिंह, जिला अध्यक्ष रामदुलारे जाटव व मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता जुलूस के रूप में निकले थे। बाड़ा पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी सुमरत सिंह ने कहा, अभी हमने पसीना बहाया है। लेकिन अब खून बहाएंगे।

स्कार्पियो में लाए थे डंडे और बोतलें
बसपा के जुलूस के दौरान हुए उपद्रव के लिए डंडे और बीयर की खाली बोतलें एक स्कार्पियो में लाए गए थे। जिसमें से पड़ाव चौराहे पर डंडे निकले थे लेकिन फूलबाग चौराहा, अंबेडकर पार्क के सामने व बाड़ा पर उपद्रवियों ने बोतलें निकाल कर फोड़ीं।

इन पर मामला दर्ज
इस मामले में पड़ाव थाना पुलिस ने बसपा जिलाध्यक्ष रामदुलारे जाटव के साथ रणवीर सिंह गुर्जर, जितेंद्र सुमन, डॉ. एसबी सिंह, विद्या सागर परा, दिनेश मौर्य, मान सिंह चंदौरिया, धर्मेंद्र चौकोटिया, विनोद कुमार व 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 188, 341, 427, 294 एवं 506 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं इंदरगंज थाना पुलिस ने भी टेंपो ड्राइवर अनिल झा की रिपोर्ट पर दिनेश मौर्य, मानसिंह चौकोटिया, धर्मेद्र चौकोटिया और विनोद चाटू के खिलाफ तोड़फोड़ व मारपीट का मामला दर्ज किया है।

2 घंटे दहशत में रहा शहर, पुलिस-प्रशासन कुछ नहीं कर सका
कुम्हरपुरा से बसपा कार्यकर्ता शांति जुलूस के रूप में पड़ाव पहुंचे लेकिन 12.45 बजे पड़ाव पर पहुंचते ही भीड़ में से 6-7 लड़के मुंह पर कपड़ा बांधकर हाथों में डंडे लेकर बाहर निकले और राहगीरों पर गुंडागर्दी करने लगे। इन्होंने यहां पैदल एवं दो पहिया वाहनों से चल रहे लोगों को डंडे मारे और गालियां भी दीं।

फूलबाग चौराहा पहुंचते ही कार्यकर्ताओं का उपद्रव काफी बढ़ गया। हाथ में डंडा, मुंह पर कपड़ा बांध कर लोगों के साथ मारपीट व अभद्रता करने वाले लड़के 12 से 15 ही थे। उन्होंने वाहनों को रोककर लोगों से मारपीट की। सड़क पर टायरों की लाइन बनाकर उनमें आग लगा दी। टेंपों के कांच फोड़ दिए। बीयर की खाली बाेतलें राहगीरों की तरफ फेंक कर फोड़ीं।

बसपा कार्यकर्ताओं का जुलूस अंबेडकर पार्क के सामने आधा घंटे से ज्यादा समय तक रुका। इस जुलूस के उपद्रवियों ने सारी हदें तोड़ दी। स्कूली छात्र, कॉलेज व कोचिंग की छात्राओं व महिलाओं को घेरकर अभद्रता की गई। कुछ युवतियों के साथ युवकों ने मारपीट तक की। पुलिस की सख्ती के बाद ये उपद्रवी और जुलूस आगे बढ़ा।

पुलिस ने क्यों नहीं की कार्रवाई 
शहर में किसी भी जुलूस व आंदोलन के अायोजन से पहले जिला प्रशासन की अनुमति लेना जरूरी है लेकिन पिछले दो महीनों में ऐसे कई आयोजन हो चुके हैं, जिनके लिए अनुमति नहीं ली गई। इस नियम में स्पष्ट है कि यदि आयोजकों के पास अनुमति नहीं है तो पुलिस कार्रवाई करें। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। गुरुवार को यदि पुलिस रैली को अनुमति न होने की स्थिति में रोक लेती तो शायद ऐसी शर्मनाक घटना नहीं होती। इसके अलावा पड़ाव चौराहे से बाड़ा तक पुलिस ने उपद्रवियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? ये सवाल शहरभर में चर्चा का विषय है।

वो बसपा नहीं, भाजपा के कार्यकर्ता हैं
हमारी रैली पूरी तरह से शांतिपूर्वक रही है। इसमें उपद्रव करने वाले बसपा नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता हैं। जो पार्टी की छवि खराब करना चाहते हैं।
रामदुलारे जाटव, जिलाध्यक्ष बसपा

बसपा जिलाध्यक्ष गुमराह कर रहे हैं
भाजपा कार्यकर्ता जनहित के लिए काम करते हैं। बसपा जिलाध्यक्ष झूठा आरोप लगा रहे हैं। बसपा नेताओं ने पहले जनता को परेशान किया और अब गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
देवेश शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा

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