भोपाल। दिनांक 8 अप्रैल 2013 को खंडवा के गौरीकुंज में विश्व बंजारा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करोड़ों के कार्यों की घोषणाएँ की थी। समाज के लिये पृथक से विभाग गठित किया और विकास अभिकरण का भी ऐलान किया गया। शिवराज भक्त नंदूभैया ने भी बंजारों का खूब गुणगान किया लेकिन इसके बाद सरकार बंजारों को भूल गई। 3 साल गुजर गए, ना तो अभिकरण का गठन हुआ और ना ही बंजारों के कल्याण के लिए चवन्नी का बजट जारी नहीं हुआ। यह आरोप नहीं, विधानसभा में प्रमाणित हुआ तथ्य है।
3 साल बाद ग्वालियर जिले के डबरा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक श्रीमती इमरतीदेवी ने मध्य प्रदेश की 51 विमुक्त जातियों की उपेक्षा और उन्हें शासकीय योजनाओ के लाभ से वंचित करने का मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने सरकार पर तीव्र प्रहार करते हुये कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व 2013 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बंजारा महापंचायत में की गई घोषणाएॅं अभी तक पूरी नहीं की गई है।
श्रीमती इमरतीदेवी ने सोमवार को प्रश्नकाल में तारांकित प्रश्न क्रमांक 2835 द्वारा पूछा है कि अभिकरण ने 1 जनवरी 2014 से अभी तक विमुक्त जातियों के विकास कार्यों में कितनी राशि व्यय की है ? प्रत्युत्तर में पिछडा वर्ग, विमुक्त,घुमक्कड एवं अर्ध घुमक्कड कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती ललिता यादव ने स्वीकार किया कि किसी भी कार्य में कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। विधायक ने इस बात पर भी कडी आपत्ति ली कि सरकार, अभी तक अभिकरण का अध्यक्ष तक घोषित नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित लालबत्ती आखिर कहॉं चली गई ? क्या सरकार, विधानसभा चुनावों के पूर्व घोषणाओं को पूरा करेगी?
राज्यमंत्री के जबाब से असंतुष्ट श्रीमती इमरतीदेवी ने कडा विरोध प्रकट करते हुए सरकार पर कई सवाल दाग दिये। फलस्वरूप श्रीमती यादव ने कहा कि सरकार ने कोई भी योजना बंद नही की है। इस तीखी नोंकझोंक के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरण शर्मा को हस्तक्षेप करना पडा, तब कहीं मामला शांत हो सका।