सिद्धू ने भाजपा की डगर कठिन की

राकेश दुबे@प्रतिदिन। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का मामला  भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। पंजाब में भाजपा की स्थिति वैसे भी बहुत अच्छी नहीं है। इन दिनों आम  वहां अकाली दल-भाजपा सरकार बहुत अलोकप्रिय है और अगले विधानसभा चुनावों में इस गठबंधन के आसार कुछ ठीक नहीं हैं। सरकार भ्रष्टाचार, मनमानी व कुशासन के तमाम आरोपों से घिरी है और पंजाब में बढ़ती हुई नशाखोरी की समस्या ने उसकी विश्वसनीयता को बुरी तरह प्रभावित किया है। 

इनमें से ज्यादातर समस्याओं के लिए अकाली दल के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, मगर सरकार में भागीदार होने की वजह से भाजपा भी जनता के निशाने पर है। ऐसे में, नवजोत सिंह सिद्धू का जाना पार्टी को ज्यादा कमजोर कर सकता है। स्थानीय भाजपा नेता काफी वक्त से यह सोचते रहे हैं कि अगर भाजपा पंजाब में अकाली दल से अलग हो जाए, तो वह बादल सरकार की नाकामियों व अकाली नेताओं पर लग रहे आरोपों के दागों से बच जाएगी। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद शायद ऐसा विचार केंद्रीय नेताओं के दिमाग में भी आया था, जब भाजपा ने कई मुद्दों पर अकाली दल का विरोध शुरू कर दिया था, लेकिन राज्यसभा के अंकगणित ने उसे समीकरण न बदलने पर मजबूर कर दिया।

सिद्धू पंजाब के ऐसे भाजपा नेता हैं , जिनका अकालियों से खुला विरोध रहा, खासकर बादल परिवार के विवादास्पद रिश्तेदार विक्रम सिंह मजीठिया से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा। अकालियों के विरोध की वजह से ही दो बार चुनाव जीतने के बावजूद तीसरी बार सिद्धू को अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से सन 2014 में टिकट नहीं दिया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली उस सीट से चुनाव लड़े और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अर्मंरदर सिंह से हार गए। सिद्धू उसके बाद से ही विद्रोही रुख अपनाए हुए थे और यह कहा जाने लगा था कि वह ‘आप’ के सदस्य बन सकते हैं। उन्हें मनाने के लिए भाजपा ने अभी तीन महीने पहले ही राज्यसभा में मनोनीत किया था|

जहां लोग अकाली-भाजपा सरकार से असंतुष्ट हैं, वहीं पंजाब में कांग्रेस भी बहुत संगठित और ऊर्जावान नहीं है। कांग्रेस की विश्वसनीयता भी बहुत ज्यादा नहीं है। पहली बार चुनाव लड़ने के बावजूद ‘आप’ ने सन 2014 के चुनावों में पंजाब में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। उसके चार उम्मीदवार चुनाव जीते और अन्य कई ने अच्छे-खासे वोट पाए। कोई नया समीकरण पंजाब में जल्दी उभरेगा |
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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