भोपाल। गरीबों का नि:शुल्क या सबसे सस्ता इलाज करने के लिए सैंकड़ों करोड़ की सरकारी मदद से तैयारी हुए चिरायु अस्पताल ने गरीबों का इलाज करने से इंकार कर दिया है। अब अस्पताल प्रबंधन प्राइवेट हॉस्पिटल की तरह व्यवहार करने लगा है। इसी के चलते अस्पताल ने एक गरीब मरीज का आॅपरेशन करने से इंकार कर दिया। अस्पताल आॅपरेशन के लिए 70 हजार रुपए मांग रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछली 26 जून को हनुमानगंज इलाका स्थित ईरानी डेरा के सामने मैदान में अपने पिता के साथ सो रहे आसिफ उम्र 8 वर्ष पर टॉटा सूमो क्रमांक एमपी49 सी 1527 के ड्रायवर शेख शादाब ने गाड़ी चढ़ा दी थी। गाड़ी चढ़ने से आसिफ अपने पिता नैनकुरी उर्फ नूर अली के साथ गंभीर रूप से घायल हुआ। हादसे के बाद ईरानी डेरा के रहवासियों ने तीस हजार रुपए का चंदा इक्ठ्ठा कर हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए आसिफ और नूर अली को चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दोनों घायलों को चिरायु अस्पताल पहुंचाने वालों में से एक शावर ने कहा कि इस हादसे में आसिफ के सिर में बहुत ज्यादा गहरी चोटें आई हैं, वहीं पिता नूर अली की हालत इतनी नाजुक है कि वह कभी भी दम तोड़ सकते हैं। शावर ने आगे बताया कि आज बुधवार को आठ वर्षीय आसिफ का चिरायु अस्पताल में आॅपरेशन होना था।
आॅपरेशन के लिए चिरायु अस्पताल ने 70 हजार रुपए मांगे थे। शावर का कहना है कि समय पर पैसा न जमा कर पाने के कारण चिरायु अस्पताल ने आसिफ का आॅपरेशन करने से इंकार कर दिया। यही नहीं आसिफ को चिरायु अस्पताल से छुट्टी करवाकर हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।