मंडला। प्रदेश में शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग की शालाओं में लागू की गई एम-शिक्षा मित्र एप के जरिये ई-अटैन्डेंस व्यवस्था पर राज्य अध्यापक संघ ने विरोध जताया है। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के. सिंगौर,सचिव रवीन्द्र चौरसिया ने अपने संयुक्त बयान में इसे अनावश्यक और अव्यवहारिक बताते हुये अध्यापकों और शिक्षकों से इसका पुरजोर विरोध करने की अपील की है।
संघ का मानना है कि एक तरफ सरकार अध्यापकों के साथ छल और कपट पूर्ण रवैया अपनाये हुये है, दूसरे कर्मचारियों को 7वें वेतनमान देने की तैयारी चल रही है वहीं अध्यापकों को अभी छठवां वेतनमान देने में ही आनाकानी हो रही है अध्यापकों को वेतन तक समय पर नहीं दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग में तरह तरह के प्रयोग करके विभाग को प्रयोगशाला बना दिया गया है। राज्य अध्यापक संघ ने सरकार के सामने सवाल खडे़ किये है कि ई अटैन्डेंस व्यवस्था सिर्फ शिक्षा विभाग में ही क्यों अन्य विभाग के कर्मचारियों पर इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है।
शिक्षा जैसें पवित्र कार्य में लगे अध्यापक शिक्षकों की निगरानी मशीन द्वारा करना न्यायोचित नहीं है संघ ने सरकार से अपील की है कि ई अटैन्डेंस व्यवस्था लागू करने से पहले सरकार अध्यापकों को एड्रांइड मोबाइल और साथ मोबाइल भत्ता प्रदान करे और अध्यापकों को समस्त गैर शिक्षकीय कार्य से मुक्त भी रखा जावे। मण्डला जिले में पहले से ही ज्ञानार्जन प्रोजेक्ट के अन्तर्गत शासकीय टेबलेट के जरिये ई-अटैन्डेंस लग रही है साथ में एम-शिक्षा मित्र से भी ई-अटैन्डेंस लगाना क्या ये तमाशागिरी नहीं है। राज्य अध्यापक संघ के डी.के.सिंगौर, ब्रजेश तिवारी, श्रीमती आभा दुबे, आरती कौल, सतीष शुक्ला, नंदकिशोर कटारे, परसराम मिश्रा, साजिद मोहिस खान, चन्द्रशेखर तिवारी, विनोद गोयल, कविता राय, दिलीप मरावी, एम.सी.कुंजाम, के.के.उपाध्याय आदि ने ई- अटैन्डेंस के खिलाफ एकजुटता की अपील की है।