4 दिन तक नंगी बंधी रही महिला, पूरा गांव तमाशा देखता रहा

कानोड़/उदयपुर/राजस्थान। क्या पूरा का पूरा समाज इतना निर्दयी हो सकता है। कोई एक भी नहीं था जिसे दया आई। पति तो पहले ही जुल्म किया करता था, उससे मुक्ति के लिए जिस प्रेमी के साथ भागी, वो भी दगा दे गया। गांववालों ने उसे भी पकड़ा था, लेकिन 80 हजार रुपए फिरौती लेकर छोड़ दिया। अपनी मुक्ति के बाद भी उसने महिला को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। लोगों ने उसे चार दिन तक बंधक बनाकर रखा। नग्नावस्था में पेड़ से बांध दिया। मारपीट की गई। महिला ने कहा कि पिता की उम्र जैसे बुजुर्गों के सामने वह गिड़गिड़ाती रही, लेकिन उस पर किसी को रहम नहीं आया। चार दिन बाद पहुंची पुलिस ने जब छापे मारे तो 60 घरों के पुरुष फरार हो गए। 

चंगुल से छूटी महिला ने सुनाई आपबीती
विक्टिम ने बताया, ''गांव से कुछ दूर ही हमें गाड़ी से उतारा था। उतारते ही कुछ लोग बोले कि इनके कपड़े उतार दो, फिर गांव में ले जाते हैं। यह सुन मेरा तो कलेजा बैठ गया। मैं लोगों के सामने रोई-गिड़गिड़ाई। सामने पिता की उम्र के बुजुर्ग थे और वे महिलाएं भी जो रोज बतियाती थीं। पति पर भरोसा था कि वे मदद करेंगे, पर उसके सामने ही शरीर से एक-एक कपड़ा हटता रहा और वो कुछ नहीं बोला...। बुजुर्ग तो इंसाफ करते हैं, पर वो भी कपड़े उतारते रहे। सारे कपड़े उतारकर लोग हम दोनों को गांव तक ले गए।

माथा शर्म से झुका तो लोग ताने मार रहे थे, भाई और देवर की उम्र के लड़के मोबाइल में फोटो खींचते रहे। तीन घंटे तक यह सब चलता रहा, पर किसी को लाज नहीं आई। फिर हमें माता के मंदिर के सामने पेड़ पर बांध दिया। मैंने कहा कि माता से तो डरो, पर लोग गालियां देते रहे। घंटों पेड़ पर बंधी रही, लोग आते रहे, तमाशा बनाते और गालियां देते रहे, पर किसी को दया नहीं आई।

शाम को मुझे निर्वस्त्र ही कमरे में बंद कर दिया। पति ने तो कपड़े उतरवा दिए, पर उसकी मारपीट से परेशान होकर सब छोड़कर जिसके साथ गई, वह प्रेमी भी मेरा दर्द भूल गया। लोगों के चंगुल से छूटने के बाद वो मुझे छुड़वाना भूलकर घर जाकर बैठ गया। मैं अब मां के साथ रहूंगी। जो कुछ मेरे साथ हुआ, वह तो किसी के साथ नहीं हुआ होगा। 
(विक्टिम ने जैसा रिपोर्टर को बताया)

यह है घटनाक्रम
28 साल का लालू राम 17 जून को 26 साल की विवाहिता के साथ भाग गया था।
गांव के लोग इन्हें 20 जून सुबह भटेवर के पास से पकड़कर कसोटिया गांव में लाए और दोनों को मंदिर के सामने बांध दिया।
फिर इनके कपड़े उतारकर पूरे गांव में घुमाया गया। पूरा दिन और रात बांधे रखने के बाद बुधवार सुबह सूचना मिलने पर लड़के के परिवार वाले कसोटिया गांव पहुंचे।
तब तक भी दोनों बिना कपड़ों के बंधे हुए थे। युवक को छोड़ने के बदले गांव वालों ने दो लाख रुपए की मांग की।
इसके बाद 80 हजार रुपए देकर परिवार वाले युवक को गांव वालों से छुड़वाकर लाए।
महिला वहीं बंधी रही। किसी ने मुक्ति का प्रयास तक नहीं किया। 
जब वाट्सएप पर फोटो वायरल हुए और मीडिया ने हंगामा मचाया, तब पुलिस पहुंची। 

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