अध्यापकों के वेतन पत्रक की समीक्षा

कृष्णकांत शर्मा। आखिर आज बहुप्रतीक्षित अध्यापकों हेतु 6वे वेतनमान का पत्रक जारी कर दिया गया है। जैसी आशंका थी कि सहायक अध्यापकों एवं वरिष्ट अध्यापकों के साथ अन्याय हो सकता है वो सही साबित हुई है। पर इस गणना पत्रक के परिपत्र 1 को जब ध्यान से पढ़ा तो पता चला कि बन्दर के हाथ में उस्तरे वाली कहावत इस गणना पत्रक पर पूरी तरह सटीक बैठती है।

परिपत्र 1 में सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ट अध्यापक के प्राप्त हो रहे वेतन और नवीन 6वे वेतन का विवरण टेबल के अनुसार किया गया है। गणना पत्रक बनाने बाले महानुभावों को अध्यापक संवर्ग को प्राप्त हो रहे वेतन मान के बारे में ही ज्ञान नहीं है, उन्हें ये भी नहीं पता की वार्षिक वेतन वृद्धि कितने % लगाई जाती है।

टेबल के अनुसार अध्यापकों को अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति पर 6480+1650=8130 मूल वेतन प्राप्त होता है। ये गणना एकदम सही है।

अब एक वर्ष पश्चात् वेतन वृद्धि के उपरांत जो मूल वेतन अध्यापक को प्राप्त हो रहा है- 6480+1650=8130×3%=243.9+6480=6723.9 जो की नियमानुसार 10 के पूर्णांक में 6730 है। जबकि टेबल के अनुसार अध्यापक को प्रथम वेतन वृद्धि पर प्राप्त मूल वेतन 6690 है।
इसी तरह दूसरी वेतन वृद्धि पर वास्तविक मूल वेतन 6990 है जबकि टेबल अनुसार 6890 है। तीसरी पर वास्तविक प्राप्त मूलवेतन7250 है जबकि टेबल अनुसार 7090 है।

ये ही हालात सहायक अध्यापक और वरिष्ट अध्यापकों के विद्यमान वेतन का है। मेरी समझ में नहीं आता कि पूरे राज्य के लाखों अध्यापकों के लिए 6वे वेतन का पत्रक तैयार करने वालों को अध्यापक संवर्ग के वर्तमान वेतन और वेतन वृद्धि के नियमों का ही ज्ञान न हो ये कैसे हो सकता है। न ही ये संभव है।

इसके बाद 6वें वेतन में निर्धारण का हाल देखिए। 
परिपत्र 1 के अनुसार प्रथम नियुक्ति वाले और एक वेतन वृद्धि प्राप्त अध्यापक को एक समान 9300+3200=12500 का मूल वेतन। दो वेतन वृद्धि एवं 3 वेतन वृद्धि प्राप्त अध्यापकों को एकसमान 9580+3200=12780, इसी प्रकार 4 वर्ष और 5 वर्ष। 6 एवं 7 वर्ष और 8 एवं 9 वर्ष वरिष्ठता वाले अध्यापकों को एक ही समान मूल वेतन का निर्धारण किया गया है।
पदोन्नति प्राप्त अध्यापकों की सेवा गणना पदोन्नति दिनांक से की जायेगी । इस लाइन को अच्छे-अच्छे ज्ञानी नहीं समझ सकते की इस लाइन द्वारा पदोन्नति प्राप्त करने का कितना बड़ा दंड प्राप्त हो सकता है।

वर्तमान वेतन की त्रुटिपूर्ण गणना के कारण समस्त अध्यापक संवर्ग 6वे वेतन को तो छोड़िये पूर्व में प्राप्त मूल वेतन के अनुसार भी रिकवरी के लिए जिम्मेदार हो गया है। जिम्मेदार लोगों द्वारा बनाया गया ये गणना पत्रक निहायत ही हास्यास्पद है चूँकि वर्तमान वेतन का आकलन ही गलत है तो उससे निर्धारण कितना गलत होगा कोई भी समझ सकता है। इस गणना पत्रक को देखकर लगता है सिंहस्थ की थकान में एक ही रात में जाग कर फुर्ती से इसे बनाया गया है।

सारे कथित अध्यापक नेताओ से मेरा निवेदन है आंदोलन बाद में करना 2013 के निर्धारण आदेश और आज प्राप्त 6वे वेतन के गणना पत्रक को लेकर कृपया न्यायालय चलें ताकि न्यायालय से इसका उचित निर्धारण हो सके। अन्यथा हम फिर से वर्षों सड़कों पर भटकते रहेंगे ।
धन्यवाद्
कृष्णकांत शर्मा
अध्यापक

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