फंस गए कैलाश: 7 मिनट में 2 बार नोट बांटते दिखे

इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दायर चुनाव याचिका में गुरुवार को हाई कोर्ट ने मूल वीडियो देखा। सात मिनट की रिकॉर्डिंग में विजयवर्गीय दो बार नोट बांटते नजर आए। पहली बार उन्होंने नोट मतदाता को देने के लिए पास खड़े व्यक्ति को दिया तो दूसरी बार खुद ही महिला मतदाता को नोट थमा दिया। इस रिकॉर्डिंग को कोर्ट ने रिकॉर्ड में ले लिया। 

विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले अंतरसिंह दरबार ने यह याचिका दायर की है। आरोप है कि विजयवर्गीय ने मतदाताओं को लुभाने के लिए नोट बांटे थे। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट रवींद्रसिंह छाबड़ा पैरवी कर रहे हैं। गुरुवार को साक्षी आशीष शास्त्री के बयान दर्ज हुए। उसने कोर्ट को बताया कि न्यूज चैनल के संवाददाता विशाल शर्मा ने पेंशनपुरा में उसके सामने वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। इसमें विजयवर्गीय मतदाताओं को नोट बांटते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो की सीडी आज वह कोर्ट में लेकर आया है। कोर्ट ने वीडियो चलाने के आदेश दिए।

गुरुवार को बड़गोंदा थाने के टीआई विधायक प्रतिनिधि कमल पटेल से जुड़े असल रिकॉर्ड लेकर कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने पुष्टि की कि पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज हुई थी हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मानपुर के सीएमओ भी नगर पंचायत की असल मिनट बुक के साथ उपस्थित हुए थे। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पटेल विधायक प्रतिनिधि के बतौर नगर पंचायत की बैठकों में शामिल होते रहे हैं।

सीएम और पटेल की ओर से पेश हुई सूची
याचिका में सीएम शिवराजसिंह चौहान और विधायक प्रतिनिधि कमल पटेल की ओर से गवाहों की सूची पेश हुई। सीएम ने तीन गवाह और पटेल ने पांच गवाहों के नाम बताए जिनका उनके वकील प्रतिपरीक्षण करना चाहते हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने सीएम और पटेल को जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 99 के तहत नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या वे उन गवाहों का प्रतिपरीक्षण करना चाहते हैं जिनके बयान में उनका नाम आ रहा है।

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