सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थी दस्यु सुंदरी चंदा

शिवपुरी। महज दो माह में सुर्खियों में आए डकैत चंदन गडरिया और उसके गिरोह का पुलिस ने अंतत: अंत कर दिया है। 29 जनवरी को मुठभेड के बाद धराशायी हुए चंदन गडरिया की प्रेमिका चंदा व एक अन्य डकैत भौजा गडरिया फरार हो गए थे लेकिन बीते रोज पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर बैंडिट क्वीन चंदा को सलैया के जंगल से दबोच लिया ।

घेराबंदी के दौरान भौजा गडरिया अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया था जिसे शुक्रवार की सुबह कोलारस पुलिस ने सुनाज के बीस भुजी जंगल से घेराबंदी कर दबोच लिया। गिरफ्तार दोनों डकैतों पर 10-10 हजार का इनाम था।

पुलिस ने चंदा के कब्जे से 315 बोर की हॉकी बट बंदूक व 9 जिंदा कारतूस सहित दैनिक उपयोग का सामान से भरा बैग बरामद किया है जबकि भौजा के कब्जे से 315 बोर बंदूक व 7 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। शुक्रवार को दोनों गिरफ्तार डकैतों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

गुना-शिवपुरी सीट से चुनाव लडना चाहती थी
गडरिया गिरोह में सबसे खूंखार महिला डकैत चंदा ने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस के समक्ष चौकाने वाला खुलासा किया है। चंदा एक दशक तक अंचल में आतंक का पर्याय रही बैंडिट क्वीन फूलनदेवी को अपना आदर्श मानती है और उसी की तरह ताबडतोड वारदातों को अंजाम देने की इच्छा रखती थी इतना ही नहीं चंदा फूलन की तरह ही बाद में आत्मसमर्पण कर गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से सांसद का चुनाव लडना चाहती थी।

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