किसानों को किराया मत देना शिवराज

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीहोर के शेरपुर में होने जा रही किसान सभा में प्रदेश भर से किसानों को लाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कृषि विभाग ने शेरपुर में किसानों को लाने का खर्च उठाने के लिए मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना के तहत 51 जिलों को 5 करोड़ 65 लाख रुपए गुरुवार को जारी कर दिए, लेकिन जब पीएमओ को इसकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह पैसा रोक दिया। अब कहा जा रहा है कि भाजपा संगठन ही इसकी जिम्मेदारी उठाएगा। 

पिछले बुधवार को शेरपुर में जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान प्रेस से बात कर रहे थे, तब नंदकुमार ने कहा था कि मैदान में मंच, पांडाल व जरूरी तैयारी सरकार कर रही है। किसानों को लाने का खर्च संगठन उठाएगा। इसको लेकर सुर्खियां बनीं तो गुरुवार को कृषि विभाग ने मंडी बोर्ड से ब्याज का पैसा लेकर जिलों में जारी करने के लिए राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीएट) को दे दिया। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को पीएमओ से इस बारे में पूछताछ होने पर सीएमओ ने तत्काल इस पर रोक लगा दी। शाम तक संबंधितों को कह दिया गया कि राशि खर्च न करें। उसे लौटा दें। इसके बाद अब संगठन द्वारा ही इस खर्च को उठाने की बात की जा रही है। 

सीएम ने बैठक, सीएस ने वीसी स्थगित की 
किसान सम्मेलन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह सभी संबंधित विभागों व तैयारियों में जुटे प्रमुख अधिकारियों की बैठक लेने वाले थे। इसके बाद मुख्य सचिव अंटोनी डिसा का कार्यक्रम तय था कि वे जिलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। शुक्रवार को ये दोनों प्रमुख कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए। 

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खेत तीर्थ योजना के तहत किसान जिलों व राज्य से बाहर जाते हैं। इस मद में यदि जरूरत पड़ेगा तो बाद में राशि जारी करेंगे। जहां तक किसानों काे लाने में इस पैसे के खर्च होने की बात है तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है।’ गौरीशंकर बिसेन, कृषि मंत्री, मप्र 

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