रीवा/पन्ना। 17 करोड़ के सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी सीईओ आरके पचौरी को पन्ना से रीवा लाने के लिए एक भाजपा विधायक ने पूरा जोर लगा दिया था। विधायक लगातार 6 महीने से ज्यादा कोशिश करता रहा। तब तक जब तक कि वो तबादला करवा नहीं ले गया।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी विधायक ने पन्ना बैंक के सीईओ को रीवा में पदस्थ करने पत्र लिखा था। मंत्रालय से जब कार्रवाई नहीं हुई तो एक सांसद से भी समर्थन में पत्र लिखवाया गया। इसके बाद भी पन्ना बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष संजय नगाईच ने पचौरी को कार्यमुक्त नहीं किया। नगाईच ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि मार्च 2014 में उन्हें हमारे बैंक भेजा। जुलाई में रीवा तबादला कर दिया।
हमने उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया तो मंत्रालय से लगातार फोन पर दबाव बनाया जाने लगा। नवंबर में पचौरी को पन्ना के लिए कार्यमुक्त किया, जहां उन्होंने वीएस परिहार का स्थान लिया।
घोटाले के मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा ने पचौरी को 24 लाख रुपए दिए जाने का आरोप लगाया है। इसके बाद भी राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई न करते हुए छतरपुर बैंक में भेज दिया। पुलिस कार्रवाई के बाद सहकारिता विभाग ने कुछ दिनों पहले पचौरी को निलंबित कर दिया है।