जबलपुर। छिंदवाड़ा कलेक्टर के एक चुनावी आदेश पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। कलेक्टर ने परासिया जनपद पंचायत के अध्यक्ष को पद से हटाकर नए सिरे से चुनाव कराने के आदेश जारी किए थे।
न्यायमूर्ति केके त्रिवेदी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा जिले की परासिया जनपद पंचायत के अध्यक्ष रईस खान का पक्ष अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता, एसके गर्ग व अमित गर्ग ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को पिछड़ा वर्ग (मोमिन जुलाहा) का प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। जिसके फर्जी होने की शिकायत विरोधी देवेन्द्र सूर्यवंशी सहित अन्य ने प्रशासन से कर दी। जांच के बाद एसडीओ ने जाति प्रमाण-पत्र को वैध पाया। इसके बाद देवेन्द्र सूर्यवंशी ने चुनाव याचिका दायर कर दी। इसके लिए जाति प्रमाण-पत्र को ही आधार बनाया गया। इस बीच अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी जांच में जाति प्रमाण-पत्र को अवैध पाया। जिसके आधार पर कलेक्टर छिंदवाड़ा ने अपने स्तर पर कार्रवाई शुरु कर दी। जिसके तहत जनपद पंचायत के अध्यक्ष रईस खान के निर्वाचन को रद्द करके नए सिरे से अध्यक्ष का चुनाव कराए जाने की घोषणा कर दी गई।
हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा 18 नवंबर को जारी निर्वाचन निरस्तगी के आदेश और 30 नवंबर को नए सिरे से चुनाव कराने संबंधी पर अंतरिम रोक लगा दी।