विदिशा का घटिया चावल बदलनें के आदेश

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट से विदिशा भेजा गया 52,872 क्विंटल चांवल गुणवत्ता परिक्षण पश्चात अमानक पाये जाने पर महाप्रबंधक परिवहन एवं क्षेत्रीय प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल द्वारा अमान्य करते हुये पत्र क्रमांक 1089 दिनांक 21.8.2015 के माध्यम से अपग्रेड किये गये चांवल को 7 दिवस के अंदर अपग्रेड करने निर्देश जारी किये गये थे लेकिन 3 माह गुजर जाने के बाद भी अभी तक अमानक चांवल अपग्रेड नही किया जा सका।

विभागीय दस्तावेजों के अनुसार बालाघाट, गोंदिया के 90 राईस मिलर्स द्वारा भेजे गये उक्त चांवल को निर्धारित समय सीमा में अपग्रेड नही किया गया, जबकि अमानक पाये गये इस चांवल को विदिशा जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किये जाने पर रोक लगाई जा चुकी है।

सूचना के अधिकार के तहत जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 24 नवंबर 2015 को दी गई जानकारी के अनुसार 17 राईस मिलर्स द्वारा 31 अक्टुबर 2015 की अवधि तक 2338.08 क्विंटल चांवल की 4736 बोरियों को अपग्रेड करा दिया गया है, जिन राईस मिलर्स द्वारा चांवल अपग्रेड कराया गया है उनमें जगदम्बा राईस मिल परसवाडा, जैसवाल लामता, बजरंग कटंगी, श्री लक्ष्मी बैहर, श्री अंबिका उकवा, सचदेवा कोसमी, संचेती वारासिवनी, श्रीराम बोलेगांव लांजी, चैतन्या अग्रवाल उकवा, मित्तल उकवा, रामदेव लालबर्रा, मां बम्लेश्वरी लालबर्रा, मां भगवती लालबर्रा, गोपाल लालबर्रा, कन्हैया लालबर्रा, मां एग्रो लांजी शामिल है। शेष राईस मिलों द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा दिये गये निर्देशों की अब तक अवहेलना किया जाना जनचर्चा का विषय बना हुआ है।
निगम के अधिकारियों और गुणवत्ता निरीक्षकों तथा राईस मिलर्स की मिली भगत से खरीदे गये लगभग 10 करोड रूपये के अमानक चांवल से सरकारी खजाने को चुना लग चुका है, राईस मिलर्स अब मौके की तलाश में है कि रद्ध किये गये चांवल की कागजों में अदलाबदली कर निर्देशों की खानापूर्ति कर दी जाये। यह भी उल्लेखनीय है ​कि गोंदिया महाराष्ट् के राईस मिलर्स द्वारा जिन्होने अमानक स्तर का चांवल प्रदाय किया है उनमें से किसी ने भी चांवल अपग्रेड नही किया है, इन राईस मिलर्स को उच्चस्तरीय राजनितिक संरक्षण मिला हुआ है, इनमे से एक राईस मिलर्स ने दबी जबान से यह बताया कि साल दर साल 5 करोड का नजराना भोपाल भिजवाया जाता है जिसकी भरपाई अमानक चांवल की आपूर्ति कर की जाती है, इतना ही नही अमानक चांवल की खरीदी में राईस मिलर्स द्वारा दिये गये अमानक चांवल कागजों मे मानक स्तर का बताकर अधिकारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाये जाते हैं और षासन के साथ धोकाधडी की जाती है। जानकारी मिली है की बालाघाट जिले के 10 गोदामों में जमा अमानक चांवल को आनन फानन में बालाघाट जिले से बाहर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है ताकि सबूत रफादफा हो जाये, जो चांवल अमानक स्तर का है तथा उपयोग के काबिल ही नही है चांवल प्रदाय करने वाले राईस मिलर्स तथा खरीदने वाले गुणवत्ता निरीक्षक और अधिकारी के विरूद्ध प्रदेश से जीरो परसेन्ट भ्रश्टाचार को मुक्त करने वाले मुख्यमंत्री क्या आपराधिक प्रकरण दायर करने का निर्देश जारी करेंगे ?

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