शोर मचाने वालों से देश को बचाना होगा: आमिर खान

नईदिल्ली। फ़िल्म अभिनेता आमिर ख़ान ने कहा है कि न तो उनका और न ही उनकी पत्नी किरण राव का देश छोड़ने का कोई इरादा है। दिल्ली के एक समारोह में आमिर की कही गई बातों के बाद देश भर में मिली जुली प्रतिक्रिया आई थी। सोशल मीडिया और पूरे देश में उनके ख़िलाफ़ बयानबाज़ी शुरू हो गई थी।

बुधवार को आमिर ने एक बयान जारी कर अपनी चुप्पी तोड़ी। आमिर ने कहा, 'मैं और मेरी पत्नी का देश छोड़कर जाने का कोई इरादा नहीं है। न तो इससे पहले कभी था और न ही भविष्य में कभी होगा" लेकिन उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि उस इंटरव्यू के दौरान कही गई अपनी बात पर पूरी तरह क़ायम हैं।

वे कहते हैं, "जो लोग इसका उलटा मतलब निकाल रहे हैं उन्होंने मेरा इंटरव्यू नहीं देखा है या जानबूझ कर मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।" वे कहते हैं, "भारत मेरा देश है, मैं इससे प्यार करता हूं और मैं ख़ुशनसीब हूं कि यहां जन्मा और यही वो देश है जहां मैं रह रहा हूं।"

आमिर ने कहा, "जो भी मुझे देश विरोधी कह रहे हैं उनसे मैं कहना चाहता हूं कि मुझे भारतीय होने पर नाज़ है और मुझे यहां रहने के लिए किसी की इजाजत या समर्थन की ज़रूरत नहीं है।"

उन पर उंगलियां उठाने और सवाल खड़ा करने वालों के बारे में उन्होंने कहा, "शोर मचाने वाले, भद्दी गालियां देने वाले मुझे सही साबित कर रहे हैं।" आमिर खान ने उन सबको शुक्रिया कहा है जो उनके साथ इस वक्त खड़े रहे। वे कहते हैं, "हमें अपने देश को बचाना है। इसकी अखंडता, अनेकता, विविध भाषा, संस्कृति, इतिहास, सहिष्णुता की रक्षा करनी।"

आमिर ने रविंद्रनाथ टैगोर की मशहूर कविता 'जहां मन भय से मुक्त हो', से अपनी बात खत्म की।
ये कविता कुछ इस तरह है,
'जहाँ मन भय से मुक्त हो और मस्तक सम्मान से उठा हो,
जहाँ ज्ञान स्वतन्त्र हो, जहाँ संसार संकीर्ण घरेलू दीवारों से टुकडों में ना तोड़ा गया हो...
जहाँ मन आपसे प्रेरित हो कर निरन्तर-प्रगतिशील विचारों और कर्मठता की ओर बढता हो, उस स्वतन्त्रता के स्वर्ग में, हे परमपिता! मेरे देश को जागृत कर दें।'

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