भोपाल। भोपाल रेल मंडल ने चालू भर्ती के बीच अचानक नियम बदल डाले और मेडिकल कराने आए अभ्यर्थियों को दुत्कार भगाया। यहां उन अभ्यर्थियों को नौकरियां दी जा रहीं थीं, जिनकी जमीनें रेलवे ने अधिग्रहित की हैं। दुत्कार कर भगाए गए अभ्यर्थियों ने भोपाल में ही डेरा जमा लिया है। सवाल यह भी है कि कि इस प्रक्रिया के तहत 2 दिन पहले तक भर्ती हो चुके कर्मचारियों का क्या होगा।
एक उम्मीदवार संजय सिंह ने बताया कि खजुराहो-सिंगरौली लाइन के लिए रेलवे ने उनकी जमीन वर्ष 2009 में ली थी। इसके बदले मुआवजा दिया गया था। जो बहुत कम था। इसके बाद रेलवे ने जमीन देने वाले परिवार के किसी एक व्यक्ति को रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी देने की घोषणा की। इसके लिए पश्चिम मध्य रेल जबलपुर ने आवेदन बुलाए थे।
संजय के मुताबिक इन उम्मीदवारों को ज्वाइन करने के लिए कॉल लेटर भेजा गया था। हर दिन करीब 40 उम्मीदवारों को बुलाकर रेलवे अस्पताल में मेडिकल कराया जा रहा था। इसी बीच मंगलवार को डीआरएम कार्यालय पहुंचे उम्मीदवारों को ज्वाइन कराने से मना कर दिया गया। कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने कहा कि नियम बदल गया है। अब सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को नौकरी दी जाएगी, जिनकी जमीन 2010 के बाद ली गई है। इस आधार पर सभी नियुक्ति निरस्त कर दी गई।