सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। लकड़ी माफिया एवं कांग्रेसी नेता राकेश डहरवाल ने पूछताछ में बताया है कि वनविभाग के 25 से ज्यादा अधिकारी/कर्मचारी उसके लिए काम करते थे। वो हर महीने 15 ट्रक लकड़ी की तस्करी करता था और लगातार 4 साल से यह खेल जारी था।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की प्रारंभिक पूछताछ में राकेश डहरवाल से मिली जानकारी के अनुसार यह फर्जीवाडा पिछले 4 वर्षों से चलाया जा रहा था जिसमें वन विभाग के मैदानी स्तर पर तैनात कई अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं जो रूपये लेकर हेंबर लगाना, फर्जी टीपी बनाना, नाको से वाहन पार किया करते थे इस तरह हर महिने 10 से 15 ट्रक इमारती लकडी की तस्करी की जाती थी।
राकेश डहरवाल ने यह भी बताया की वह अपने सहयोगीयों के साथ मिलकर जंगल में अवैध कटाई करता किसानों के खेतों की लकडी की अवैध कटाई कर उनकी जप्ती बनवाना और उन्हें कम दामो में खरीदना डिपो में रखी लकडियों की हेराफेरी करना उन्हें नाकों से पार करवाना इस तरह लकडियों को रायपुर,नागपुर, इंदौर, राजनांदगांव में बेचा जाता था।
श्री गौरव तिवारी ने बताया की इस मामले में 25 से अधिक आरोपियों की संलिप्तता पाई गई है जिनकी शीघ्र गिरफ्तारी की जायेगी।
राकेश डहरवाल के पास 4 एकड जमीन, 3 ट्रक, 2 क्रेन, जेसीबी मषीन, 2 चार पहिया वाहन और लाखों रूपये की बीमा पालिसियां होने का पता चला है अवैध रूप से अर्जित करोडों की संपत्ति पाये जाने पर मनी लांर्डिग एक्ट के तहत कार्यवाही कर संपत्ति को राजसात की जाने की कार्यवाही की जायेगी। राकेश डहरवाल को पुलिस ने 10 दिन के लिये रिमाण्ड पर लिया है।