कर्मचारी की अन्तिम कार्यदिवस समाप्ति के संदर्भ में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि सरकारी सेवक की सेवानिवृति तिथि अन्तिम कार्य दिवस होती है और उसके दूसरे दिन से ही उसे सेवानिवृत्त माना जायेगा। न्यायालय ने कहा कि कर्मचारी का कार्यदिवस 24 घंटे का होता है, ऐसे में यदि कोई कर्मचारी की अन्तिम कार्यदिवस समाप्त होने से पहले मृत्यु हो जाती है, तो यह माना जायेगा कि उसकी मृत्यु सेवाकाल में हुई है।

न्यायालय ने सेवानिवृत्ति के दिन शाम सात बजे मृत्यु होने पर सेवाकाल में मृत्यु माना है तथा कर्मचारी के पुत्र को मृतक आश्रित सेवा नियमावली के तहत नियुक्ति के संबंध में तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एम.सी. त्रिपाठी ने राम पाल की याचिका को स्वीकार करते हुए आज यह आदेश दिया।

याची का कहना था कि उसकी मां विद्युत वितरण उपखण्ड बंदवार में पैट्रोल मैन के पद पर कार्यरत थी। जो 3० अप्रैल 2०11 को सेवानिवृत्ति हो गयी। इसी दिन शाम सात बजे हृदयाघात के कारण उसकी मौत हो गयी। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की। विद्युत विभाग ने यह कहते हुए अर्जी निरस्त कर दी कि याची की मां सेवानिवृत्त हो चुकी थी। न्यायालय ने कहा कि कर्मचारी की सेवा चौबीस घंटे की होती है, इसलिए याची की मां की सेवा रात बारह बजे तक कायम थी। शाम की मौत सेवाकाल में मानी जायेगी।

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